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Monday, 3 September 2018

667 आंखों का कसूर (Aankhon Ka Kasoor)

जब से देखा चेहरा उसका, नींद ने अलविदा कह दिया।
कसूर तो आंखों का ही था ,सजा तो मिलनी ही थी।

 दिल लिया उसका, तो नींद ने नाता तोड़ दिया।
आंखों को अपने जुर्म की ,सजा तो मिलनी ही थी।

 तड़प रहा हूं मैं जब से नजर मिलाई यार से।
नींद साथ छोड़ गई ,आंखों के कपाट से।

 जब किए थे आंख मिचोली के खेल तुमने।
नींद तो उड़नी की थी, सजा तो मिलनी ही थी।

दिल दिया तो नींद गई, करार गया तो प्यार मिला।
 सौदा तुम ही बोलो अदला-बदली का कैसा लगा।

तुम क्यों सोच कर बैठे थे ।तुम चुरा लोगे और
 चुकाना कुछ भी ना पड़ेगा, सजा तो मिलनी ही थी।

667 1.16pm 31Aug 2018




 Jab Se Dekha Chehra uska ,neend ne Alvida Keh Diya.
Kasoor to Aankhon Ka Tha, Saja to milne Hi thi.

Dil Liya uska ,toh Neend Ne Nata Tod Diya.
 Aankhon ko Apne Zurm Ki ,Saza To milni hi thi.

Tadap Raha Hoon Main ,Jab Se Nazar Milai yaar se.
Neend Sath Chhod Gayi, Aankhon Ke KaPaat Se.

Jab kiye the Aankh Micholi Ke Khel Tumne.
 Neend to Udni hi thi ,Saza To Milni hi thi.

Dil Diya toh Neend Gayi ,Karar Gaya to Pyar Mila.
 Sauda Tum Hi bolo adla badli Ka Kaisa laga.

Tum kya Soch ke Baithe the, Tum churalo ge aur,
 Chukana Kuch Na Padega, Saja to milne Hi thi.

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