स्कंद माता है माता का पंचम स्वरूप ।
चार भुजा वाला है माता का यह रूप ।
बाल रूप में भगवान स्कंद एक हाथ में लिए ।
दूसरे में कमल और एक हाथ उठा आशीर्वाद के लिए।
स्कंद माता ,माता का है ममतामई रूप ।
करो पूजा माँ की ,ये कर देती सब दुख दूर।
विशुद्ध चक्र में मन स्थापित कर करे साधक जो ध्यान।
जागृत हों फिर ऐसी भावनाएं , मिले मान-सम्मान।
स्कंद माता की उपासना से साधक अलौकिक तेज प्राप्त करता है ।
अलौकिक प्रभामंडल प्रतिक्षण उसके योगक्षेम का निर्वहन करता है।
पवित्र मनसे स्तुति हो तो दुखों से मुक्ति हो जाती ।
भक्तिभाव से पूजन करो तो, हर समस्या की युक्ति हो जाती।
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंद माता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
10.01am 21 Oct 2020
No comments:
Post a Comment