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Wednesday, 21 October 2020

1141 जय स्कंद माता

 स्कंद माता है माता का पंचम स्वरूप ।

चार भुजा वाला है माता का यह रूप ।


बाल रूप में भगवान स्कंद एक हाथ में लिए ।

दूसरे में कमल और एक हाथ उठा आशीर्वाद के लिए।


स्कंद माता ,माता का है ममतामई रूप ।

करो पूजा माँ की ,ये कर देती सब दुख दूर।


विशुद्ध चक्र में मन स्थापित कर करे साधक जो ध्यान।

 जागृत हों फिर ऐसी भावनाएं , मिले मान-सम्मान।


स्कंद माता की उपासना से साधक अलौकिक तेज प्राप्त करता है ।

अलौकिक प्रभामंडल प्रतिक्षण उसके योगक्षेम का निर्वहन करता है।


पवित्र मनसे स्तुति हो तो दुखों से मुक्ति हो जाती ।

भक्तिभाव से पूजन करो तो, हर समस्या की युक्ति हो जाती।


या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंद माता रूपेण संस्थिता।

 नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

10.01am 21 Oct 2020


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