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Friday, 30 October 2020

1450 शरद पूर्णिमा

  मां लक्ष्मी आठ रूप हैं, जिनमें धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, राज लक्ष्मी,

 वैभव लक्ष्मी, ऐश्वर्य लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी, कमला लक्ष्मी एवं विजय लक्ष्मी।


दीप जलाएं और भगवान को अक्षत और रोली से तिलक लगाए।

तिलक लगाके मिठाई व चावल की खीर से भगवान को भोग लगाएं।


शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करने आती हैं

जो इस दिन लक्ष्मी पूजन करता, सब मुरादें पूरी हो जाती हैं। 


शरद पूर्णिमा की सुबह-शाम स्नान कर तुलसी को भोग लगाएं। 

और तुलसी के सामने दीप जलाएं,इससे माँ लक्ष्मी प्रसन्न हो जाए। 



शाम को चंद्रमा निकलने पर विधीवत चंद्रमा की पूजा करें

भोग वाली खीर को छलनी से ढककर चंद्रमा की रोशनी में रखें। .


अगली सुबह स्नान कर उस खीर को मां लक्ष्मी को अर्पित करें।

प्रसाद के रुप में घर-परिवार के सभी सदस्यों मिल बांट सेवन करें। 


इस खीर के सेवन से उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त करेगा परिवार।। 

महालक्ष्मी प्रसन्न होकर भर देगी, घर में धन के भंडार ।।

11.34am 30 Oct 2020

शरद पूर्णिमा : अश्वनी मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा चंद्रमा इस दिन 16 कला संपूर्ण होता है