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Sunday, 18 October 2020

1438 जय माता ब्रह्मचारिणी

 ब्रह्म होता है तप,चारणी आचरण का प्रतीक।

तप का आचरण करने वाली देवी की अर्चना

 करें हम जला कर मंगलदीप।


देवी ने, भगवान शिव को पाने को किया घोर तप।

देवी दुर्गा के इस तपस्नी स्वरूप की,

 पूजा कर ,पूर्ण हो जाते सब मनोरथ।


माता की पूजा कर होता मंगल दोष निवारण।

करो ब्रह्मचारिणी की पूजा पंचामृत, पान, सुपारी खिला।

 और करो पूजा माता की कर नीले वस्त्र धारण।


सन्यासियों के लिए इस स्वरूप की पूजा है विशेष फलदाई।

वहीं गृहस्थ में चाह है जिसको संयम, शांति की,

माता रूप में करो पूजा तो पूरी करती है महामायी।

1.15am 18 Oct 2020

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