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गैर मुरद्दफ गज़ल
काफि़या( Qafiya) आरा
चाहे कोई कुछ भी कहता मैं तो हूं हरदम तुम्हारा ।
मुझ को क्या लेना देना जब प्यार तेरा है हमारा।
क्या मैं देखूं और, जब है पास मेरे प्यार तेरा।
जान मेरे प्यार को तो बस तेरा ही है सहारा।
क्या कभी ऐसा भी हुआ, मैंने सुना ना हो तुझे जो
हरदम आया मैं वहाँ जब जब मुझे तुमने पुकारा।
यार तुझसे जो हुआ है प्यार अब क्या मैं बताऊँ।
जो हुआ इक बार तुमसे, अब ये ना होगा दुबारा।
कर दिया जब सब समर्पित और क्या बाकी यहाँ है
इसपे हो जाए किसी और का तू, ये ना है गवारा।
4oct 2020
2 comments:
वाहहह संगीता जी 🙏🏻🌹🙏🏻
धन्यवाद संतोष जी
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