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Saturday, 10 October 2020

1430 आए याद हमेशा वह, चाहे हों उस पार

 कुछ लोगों से स्नेह कभी हो जाता आपार। 

 हो जाता है जिनके बिना रहना फिर दुश्वार।


प्रेम में यूँ मन फँस जाता है ये फिर इतना,

भूलना चाहो,फिर जितना,,याद आता हर बार।


चाहे कितनी भी तुम कोशिश कर के देखो।

कोई भूल ना पाए ,हो जाता जो ये प्यार।


आना जाना प्रेम,प्रसंग में रहता है लगा।

सुख-दुख के ही मणकों से ये बना है संसार।


इस दुनिया की रीत ही ऐसी है संगीता।

आए याद  हमेशा वह चाहे हों उस पार।

10.13am 10 Oct 2020 Saturday 

2 comments:

Chidrup said...

बेहतरीन लेखन

Dr. Sangeeta Sharma Kundra "Geet" said...

धन्यवाद