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Wednesday, 14 October 2020

U1434 गज़ल : तोड़ नाता, चले सफ़र को हम

 https://youtu.be/OuIkpCzkihQ

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(थुन:  तुमको देखा तो यह ख्याल आया)

2122 1212 22  

1122 1212 112

काफि़या ( Qafiya)ओ

रदीफ (Radeef)  हुआ

देख ,क्या कुछ न जिंदगी को हुआ ।

बदली यह जिंदगी मिलन जो हुआ।


छाई थी जिंदगी में वीरानी।

आई रौनक, के सामना जो हुआ।


खो चुके आस ,जो थी मिलने की ।

फिर उजाला ,कहाँ से देखो हुआ।


तोड़ नाता, चले सफ़र को हम ।

क्यों न हमसे ,शुरू सफर वो हुआ।


 इक दफा़ ठहर जो गए थे हम।

फिर न चलने का , होंसला लो हुआ।

12.25pm 13 Oct 2020

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