2122 1122 1122
(गैर मुरद्दफ गज़ल)
काफि़या( Qafiya) आन
क्यों नहीं होती मेरी मुश्किलें आसान ,
जब भी देखो मेरा दिल रहता परेशान।
क्या करूं क्या नहीं ,आए ना समझ
सोचता ही है ये रहता हो के हैरान।
कितनी जिंदगी बीती देखते देखते
क्या क्या ना हुआ इन सब के ही दौरान।
आज तक चल ही रहा था सुकून से सब
फिर आ जीस्त में गया कैसा ये तूफान
सोचना छोड़ दे इस बारे में अब तू।
ये तो चलता ही रहेगा यूँ ही जाहान
11.24pm 4 oct 2020
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