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Tuesday, 17 October 2017

340 फूल हमें जख्म देते हैं(Phool Hume zakham Dete Hain)

हम काँटो पे चलने वाले हैं।
फूल हमें जख्म देते हैं।
प्यार करे कोई हमें तो,
शूल चलते हैं हमारे सीने पे।
इसलिए हर कोई हमें,
दर्द दे के दवा देते हैं।
आदत हो गई है अब हमें,
दर्द ही अब हमें सनम देते हैं ।
प्यार से कभी वो बोल भी दें तो,
वह बोल हमें जख्म देते हैं।
हमें ना प्यार करो अगर हमसे है प्यार,
जख्म दे दो, जो हमें फूल लगते हैं।
हम काँटो पे चलने वाले हैं ,
अब,फूल हमें जख्म देते हैं।
340 23 Feb 1992
Hum kaatoon Pe chalne wale hain.
Phool Hume zakham Dete Hain.
Pyar Kare Koi Hame To,
Shool Chalte hain Hamare Seene pe.
Isliye Har Koi Hame,
Darde De Ke Dawa dete hain.
Aadat ho gayi hai ab Hame,
Dard to ab Humein Sanam dete hain.
Pyar Se Kabhi Woh bol bhi de to,
Vo bol Humey zakham Dete Hain.
Hume na Pyar Karo Agar Humse Hai Pyar.
 Zakhm De do Jo Hume Phool Lagte Hain.
Hum kanton Pe chalte hain.
Ab,Phool Hame Zakham Dete Hain.

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