जुल्म सहते रहे पर उफ़ न कि हमने।
सि्तम सहते रहे पर आह न भरी हमने।
खामोशियों को मेरी तुमने क्या समझा,
यह अब तक नहीं जाना हमने।
ये वो बारुद था जो जमा हो रहा था,
कब फट जाएगा यह नहीं जाना तुमने।
खामोशियों की चिंगारी भड़क भी उठेगी,
ये कभी नहीं माना तुमने।
अब इसका दबा रहना है मुश्किल,
तुम क्या जानो अब तलक कैसे हैं दबाया हमने।
कोशिश जो की होती हमें समझने की,तो,
फटने ना देते बारूद ,मगर ,हमें न पहचाना तुमने।
दबा तो देते इसे हम, जैसे दबाए रखा,
जरा हमें प्यार तो किया होता तुमने।
मगर एक पल को भी हमारे लिए ना सोचा तुमने।
345 13 Mar 1992
Zulm sehte Rahe par Uff n a Kiyai Humne.
Sitam Sehte Rahe par Aahal na Bhari Humne.
Khamoshiyon ko mere Tumne kya Samjha.
Yeah Ab Tak Nahi Jana Humne.
Yeah Vo Barood Tha Jo Jama ho raha tha.
Kab fat Jayega Ye Nahi Jana Tum Nahi.
Khamoshiyan ki Chingari bhadak Bhi Uthegi.
Yeh Kabhi Nahi Mana Tumne.
Ab Ise Sambhalna Hai Mushkil
Tum Kya Jano Ab Talak kaise hai Sambhala Humne.
Koshish Jo ki hoti Hame samajhne Ki.
Phtne to Na dete Barood, Magar hame nahi pehchana Tumne.
Dbaa dete ise Hum, Jaise Dbaaye Rakha ab talak
Zara Hame Pyar Toh Kiya Hota Tumne,
Magar ek pal ko bhi Hamare Liye Na Socha Tumne.
सि्तम सहते रहे पर आह न भरी हमने।
खामोशियों को मेरी तुमने क्या समझा,
यह अब तक नहीं जाना हमने।
ये वो बारुद था जो जमा हो रहा था,
कब फट जाएगा यह नहीं जाना तुमने।
खामोशियों की चिंगारी भड़क भी उठेगी,
ये कभी नहीं माना तुमने।
अब इसका दबा रहना है मुश्किल,
तुम क्या जानो अब तलक कैसे हैं दबाया हमने।
कोशिश जो की होती हमें समझने की,तो,
फटने ना देते बारूद ,मगर ,हमें न पहचाना तुमने।
दबा तो देते इसे हम, जैसे दबाए रखा,
जरा हमें प्यार तो किया होता तुमने।
मगर एक पल को भी हमारे लिए ना सोचा तुमने।
345 13 Mar 1992
Zulm sehte Rahe par Uff n a Kiyai Humne.
Sitam Sehte Rahe par Aahal na Bhari Humne.
Khamoshiyon ko mere Tumne kya Samjha.
Yeah Ab Tak Nahi Jana Humne.
Yeah Vo Barood Tha Jo Jama ho raha tha.
Kab fat Jayega Ye Nahi Jana Tum Nahi.
Khamoshiyan ki Chingari bhadak Bhi Uthegi.
Yeh Kabhi Nahi Mana Tumne.
Ab Ise Sambhalna Hai Mushkil
Tum Kya Jano Ab Talak kaise hai Sambhala Humne.
Koshish Jo ki hoti Hame samajhne Ki.
Phtne to Na dete Barood, Magar hame nahi pehchana Tumne.
Dbaa dete ise Hum, Jaise Dbaaye Rakha ab talak
Zara Hame Pyar Toh Kiya Hota Tumne,
Magar ek pal ko bhi Hamare Liye Na Socha Tumne.
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