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Saturday, 14 October 2017

337 एक मुलाकात ( Ek Mulaqat)

करार आया दिल को मेरे।
जो तुमसे मुलाकात हुई।
दिल ने दिल का हाल जाना।
दिल की दिल से बात हुई।
कलियाँ खिल गई हर तरफ।
बिन मौसम ये कैसी बरसात हुई।
तरन्नुम छा गया हर कहीं।
जैसे हो चांदनी रात भई।
समां ये रुक जाता ,काश।
मगर यह बात आज तलक कब हुई।
 ये होती है चार दिन की चांदनी।
सदा किसी की ये कब हुई।
337 25 Jan 1992

Karar Aaya Dil Ko Mere,
Jo Tumse Mulakat Hui.
Dil Ne Dil Ka Haal Jana,
Dil Ki dil se baat hui.
Kaliyan Khil Gai Har Taraf.
Bin Mausam Ye Kaisi Barsaat Hui.
Tarannum Chha Gya Har Kahin.
Jaise Ho Chandni Raat Bhyi.
Sama Ye ruk Jata kash,
Magar Ye baaat Aaj Talak kab Hui,
Yeh Hoti Hai ,Char Din Ki Chandni,
Sadda Kisi Ki ye kab Hui.

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