हौसले अपने ,तू कभी कम ना करना।
आगे ही बढ़ना, राहों से ना डरना।
आ जाएगी मंजिल पास तेरे एक दिन।
मंजिल से पहले, कभी ना तू रुकना।
बढ़ते ही जाना ,आगे ही आगे।
मंजिल तेरी जो है ,वह दूर नहीं।
थोड़ी सी प्यास पे जो तू रुक गया।
रह जाए ना ,पाने से तू ,मंजिल का झरना।
जो तू पा गया मंजिल को अपनी।
सब खड़े होंगे स्वागत को तेरे।
यही वह लोग हैं जो करेंगे।
मंजिल न पाने पे ,गलतियों से तुलना।
तू बढ़ बस आगे ,न रुकना कहीं।
मंजिल तो तेरी खड़ी है वहीं।
पा ले उसे तू ,हौसलों से अपने।
रह जाएगा बनके सपना ये वर्ना।
हौसले अपने ,तू कभी कम ना करना।
आगे ही बढ़ना, राहों से ना डरना।
आ जाएगी मंजिल पास तेरे एक दिन।
मंजिल से पहले, कभी ना तू रुकना।
10.01am 21 Aug 2018
Hosle Apne Tu Kabhi Kam Na Karna.
Aage Hi Badna ,Rahon Se Na Darna.
Aa Jayegi Manzil Paas Tere Ek Din.
Manzil Se Pehle Kabhi Na Tu Rukna.
Badtay Hi Jaana, Aage hi aage.
Manzil Teri jo hau, wo Dur nahi.
Thodi Si Pyas Pe Jo tu ruk gaya .
Reh Jaye na ,Pane Se, Tu Manzil ka Jharna.
Jo Tu paa gaya manzil ko apni.
Sab Khde Honge Swagat Ko Tere.
Yahi wo log Hain Jo Karenge,
Manzil na Pane pe Galtion se tulna.
Tu Bad bas Aage, na rukna kahin.
Manzil Toh Teri Khadhi Hai Wahin.
Paa le Use tu Hoslin Se apne.
Reh Jayega Banke Sapna yeah Varna.
Hosle Apne Tu Kabhi Kam Na Karna.
Aage Hi Badna ,Rahon Se Na Darna.
Aa Jayegi Manzil Paas Tere Ek Din.
Manzil Se Pehle Kabhi Na Tu Rukna.
आगे ही बढ़ना, राहों से ना डरना।
आ जाएगी मंजिल पास तेरे एक दिन।
मंजिल से पहले, कभी ना तू रुकना।
बढ़ते ही जाना ,आगे ही आगे।
मंजिल तेरी जो है ,वह दूर नहीं।
थोड़ी सी प्यास पे जो तू रुक गया।
रह जाए ना ,पाने से तू ,मंजिल का झरना।
जो तू पा गया मंजिल को अपनी।
सब खड़े होंगे स्वागत को तेरे।
यही वह लोग हैं जो करेंगे।
मंजिल न पाने पे ,गलतियों से तुलना।
तू बढ़ बस आगे ,न रुकना कहीं।
मंजिल तो तेरी खड़ी है वहीं।
पा ले उसे तू ,हौसलों से अपने।
रह जाएगा बनके सपना ये वर्ना।
हौसले अपने ,तू कभी कम ना करना।
आगे ही बढ़ना, राहों से ना डरना।
आ जाएगी मंजिल पास तेरे एक दिन।
मंजिल से पहले, कभी ना तू रुकना।
10.01am 21 Aug 2018
Hosle Apne Tu Kabhi Kam Na Karna.
Aage Hi Badna ,Rahon Se Na Darna.
Aa Jayegi Manzil Paas Tere Ek Din.
Manzil Se Pehle Kabhi Na Tu Rukna.
Badtay Hi Jaana, Aage hi aage.
Manzil Teri jo hau, wo Dur nahi.
Thodi Si Pyas Pe Jo tu ruk gaya .
Reh Jaye na ,Pane Se, Tu Manzil ka Jharna.
Jo Tu paa gaya manzil ko apni.
Sab Khde Honge Swagat Ko Tere.
Yahi wo log Hain Jo Karenge,
Manzil na Pane pe Galtion se tulna.
Tu Bad bas Aage, na rukna kahin.
Manzil Toh Teri Khadhi Hai Wahin.
Paa le Use tu Hoslin Se apne.
Reh Jayega Banke Sapna yeah Varna.
Hosle Apne Tu Kabhi Kam Na Karna.
Aage Hi Badna ,Rahon Se Na Darna.
Aa Jayegi Manzil Paas Tere Ek Din.
Manzil Se Pehle Kabhi Na Tu Rukna.
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