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Monday, 27 August 2018

660 हम आगे बढ़ेंगे (Hum Aage badhenge)

बढ़ा ही लिया है जो कदम, हम पीछे ना हटेंगे।
हम आगे बढ़ेंगे, और बढ़ते ही रहेंगे।

सहेंगे हर कष्ट को, जो आएगा सामने।
 पर हम ,आगे बढ़ने से ना हटेंगे।
मुश्किलों से जीत के ही आएगी मंजिल सामने।
जो भी हों मुश्किलें ,सामना हम डट के करेंगे।
एक के बाद एक रुकावटों को अपनी, मात हम देंगे।
 सब तोड़ रुकावटों को ,हम आगे ही बढ़ेंगे।

मकसद जब साफ है हमारी आंखों के सामने।
 फिर चाहे हो अंधेरा ,नजर मकसद पर ही रखेंगे।
ओझल ना होने देंगे मंजिल को अपनी हम।
हमेशा ही उसको मन में और नजर में रखेंगे।
 दुश्मनों को भी होगा रंज ,पाला है किससे पड़ा।
जो भी आएगा सामने उसे नेस्तनाबूत करेंगे।

बढ़ा ही लिया है जो कदम, हम पीछे ना हटेंगे।
हम आगे बढ़ेंगे, और बढ़ते ही रहेंगे।

660 2.24pm 27Aug 2018
Bada hi Liya Hai Jo Kadam ,Hum Piche Na Hatenge.
Hum Aage badhenge, aur badhte Hi Rahenge.


 Sahenge Har kasht ko ,jo aayega Samne.
Par Hum aage badhne say na haten Gaye.
Mushkilon Se Jeet Ke Hi Aaegi Manzil Samne.
Jo Bhi Hon Mushkil, Samna Hum Dhat ke Karenge.
Ek ke baad Ek Rukavton ko apni Maat Hum Denge.
 Sab Tod rukawaton ko Hum, Aage Hi badenge.

Maqsad Jab Saaf Hai, Hamari Aankhon Ke Samne.
 Phir Chahe Ho Andhera Nazar Maqsad pe Rakhenge.
Ozhal na hone denge manzil ko apni Hum.
 Hamesha hi usko man mein aur Nazar Mein Rakhenge.
Dushmano Ko Bhi Hoga Ranz parla Hai Kis se Pada.
 Jo bhi aayega Samne usse Nestnaboot Karenge.

Bada hi Liya Hai Jo Kadam ,Hum Piche Na Hatenge.
Hum Aage badhenge, aur badhte Hi Rahenge.

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