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Sunday, 26 August 2018

659 बंधन प्यार का(Bandhan Pyaar Ka)

इंतजार में बैठे हैं तेरे, नजरें बिछाए।
के तू आए, और मुझसे राखी बंधाए।
बीते दिनों और प्यार की बातें करें हम।
पता भी ना चले, और वक्त बीत जाए।

कुछ बचपन के धागे खोलें,
कुछ नये प्यार के धागे बांधे।
चलता रहे यूं ही सिलसिला,
पता भी ना चले ,और वक्त बीत जाए।

 बंधन है यह कैसा प्यार का।
जो समय के साथ बढ़ता ही जाए।
 आंख मिचोली करती रहे चाहे जिंदगी।
 पर अपना रंग ,ये गाड़ा ही करता जाए।
659 26 Aug 2018

Intezaar Main Baithe hai tere Nazre Bichaaye.
 Ke Tu Aaye ,Aur Mujhse Rakhi bandhaae.
Beete Dinon Aur Pyar Ki Baatein Karen Hum.
Pata Bhi Na Chale, or Waqt Beet Jaye.

 Kuch bachpan ke Dhaage kholen.
Kuch naye Pyar Ke Dhaage banden.
Chalta Rahe Yunhi Silsila.
Pata Bhi Na Chale,  or Waqt beet Jaye.

Bandhan Hai Ye Kaisa, Pyar Ka.
 Jo smay  ke saath Badta hi Jae.
Aankh Micholi Karti Rahe Chahe Zindagi.
Par apna rang ,Ye Gada hi karta Jae.

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