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Sunday, 30 September 2018

Q694 तुझ से प्यार हो गया (Tujhse Pyar Ho Gaya.)

तुझे देखा नहीं ,पर तुझ से प्यार हो गया।
 तेरी आवाज सुन के ही मैं, बेकरार हो गया।

वो कशिश है तेरी आवाज में दिलबर।
बिन मिले ही मैं ,तेरा तलबगार हो गया।

जान गया हूं तू जैसी भी होगी ,मासूम होगी।
 सूरत कैसी भी हो ,दिल की खूबसूरत होगी।

वो सोज़ है आवाज में तेरी जानम,
 कि मैं तो तेरा बीमार हो गया।

अब तो तड़पता हूं बस सुनने को तेरी आवाज।
 नहीं करना चाहता बिन सुने दिन का आगाज।

खुदा करे मोहब्बत मेरी चढ़े परवान।
मेरा जीना अब तुझसे ए मेरे यार हो गया।
5.05pm 26 Sept 2018 Wednesday
Tujhe Dekha nahi ,par Tujhse Pyar Ho Gaya.
Teri Awaz sunke hi, main Bekarar Ho Gaya.

Vo kshish hia Teri awaz mein Dilbar.
Bin Mile Hi Main Tera talabgaar Ho Gaya.

Jaan gaya hoon, tu Jeci Bhi Hogi Masoom Hogi.
 Surat Kaisi bhi ho ,dil ki khubsurat Hogi.

Vo Soz Hai awaz mein teri Janam.
Ki Mai To Tera bimaar Ho Gaya.

Ab Tuo Tadapta hoon bas sunne Ko Teri Awaz.
Nahi karna chahta ,Bin Sune Din Ka aagaz.

Khuda Kare ,Mohabbat Meri parvan Chday.
 Mera Jeena ab Tujhse ,e Mere Yaar Ho Gaya.

Saturday, 29 September 2018

693 खामोशियां (Khamoshiyan)

जब भी मिलते हैं हम।
खामोशियां ही गवाह होती हैं।
शब्दों को जैसे,
दरवाजे के पीछे रख छोड़ा है।

आँखें आंखों से बातें करती हैं।
मेरी आंखें तेरी तारीफ करती हैं।
जुबान तो कुछ बोलती ही नहीं।
नजरें ही तकरीर करती हैं।

पर मेरे दिल को भी तो,
उनसे शब्दों की उम्मीद होती है।
खामोशियों में ही कट जाता है समां,
दिल की धड़कनें ही हमें करीब करती हैं।

मुलाकात की खामोशियों में,
 बढ़ी हुई धड़कन सुनाई देती हैं।
फिर भी जुबां से सुनना चाहते हैं वो।
जो दिल की धड़कनें मेरी कहती हैं।
693 11.51am 26 Sept 2018

Jab Bhi Milte Hai Hum.
Khamoshiyan hi Gava hoti hain.
Shabdo ko Jaise,
Darwaze Ke Piche Rakh Choda Hai.

Aankhen Aankhon Se Baatein Karti Hain.
Meri Aankhein Teri Tarif karti hai.
Zubaan toh kuch bolti hi nahi.
 Nazre hi taqreer karti hain.

Par Mere Dil ko Bhi Tu,
 Unse Shabdon ki Umeed Hoti  hai.
Khamoshiyon Mein Hi Kat Jata Hai Sama.
Dil Ki Dhadkan hi hume ,Kareeb karti hai.

Mulakat ki khamoshiyon me,,
Badi Hui Dhadkane Sunai Deti Hain.
Phir Bhi Zubaan se sunna Chahte Hain voh.
Jo Dil Ki Dhadkane Meri Kehti Hain.

Friday, 28 September 2018

691 ना काम आया सजदा (Na Kaam Aaya sajda,)

वह जो आए मेरी जिंदगी में बहार बनकर।
 मैंने सोचा मेरे आंसुओं के सींचने का असर है।

दुआ मेरी कबूल करी उस खुदा ने।
ये मेरी आहों और बंदगी का असर है।

वो बैठे जो पास हमारे, तो हम खिल गए।
 हमने सोचा,ये मेरी चाहत का असर है।

इससे पहले कि हम कह पाते हाले  ए दिल।
मालूम हुआ ये उनके मतलब का सफर है।

हम रह गये वहीं बैठे हुए,बिन कुछ बोले।
कुछ ना काम आया सजदा,
यह बता, ऐ खुदा तू किधर है
691 12.06pm 21Sept 2018
Wo Jo Aye Meri Zindagi Mein Bahar Ban kar.
 Maine Socha Mere Aansuon ke Seechne Ka Asar Hai.

Dua Meri Kabool Kari us Khuda Ne.
Yeh Meri Aahon aur, Bandagi Ka Asar Hai.

Wo Baithe Jo Paas Hamare to hum Khil Gaye.
Humne Socha Ye Meri Chahat Ka Asar Hai.

 Is Se pehlay Ke Hum keh Paate Haal e dil.
Maloom Hua ye  unke matlab Ka Safar Hai.

Hum Reh Gaye Wahin Baithe Hue Bin kuch Bole.
Kuch Na Kaam Aaya sahjada,
Yeh bata, e' Khuda tu kidhar hai.

Thursday, 27 September 2018

690 खामोशी की जुबां (Khamoshi ki Zubaan )

मैं समझता रहा हमारे दिल से दिल मिले हैं।
तो ,आंखें खामोशी की जुबां समझती होंगी।

खामोश निगाहें जो टकराती हैं एक दूसरे से।
 तो हाले दिल भी समझती होंगी।

क्या मालूम था ,वो जुबान दे बैठे हैं किसी और को।
हमने दिल देकर, बड़ी गलती की होगी।

 बयां जुबान से, खुद ही हम कर ना सके ,हाले दिल उनको।
अब यही तसल्ली होगी।

 जो कह देते हाल दिल का, तो वो समझ जाते शायद।
तो हमसे ना यह दिल्लगी होती।

 मैं समझता रहा हमारे दिल से दिल मिले हैं।
तो आंखें ,खामोशी की जुबां समझती होंगी।
690 12.02Pm 21Sept 2018
Main samajhta raha Hamare Dil Se Dil mile hain.
Aankhen  Khamoshi ki Zubaan samajhti hongi.

Khamosh Nigahen Jo Takrati hain Ek Doosre Se.
 Tuo haal e Dil Bhi samajhti hongi.

Kya Maloom Tha ,Woh Juban De Baithe Hain Kisi Aur Ko.
Humne  Dil Deke badi galti ki Hogi.

Bayan Zuban Se ,Khud Hi Hum Kar Na Sake Haal e dil unko.
Ab Yahi tasalli Hogi.

Jo kar dete Haal  Dil Ka, toh wo samajh Jate Shayad.
Toh Humse Na Yeh Dillagi hoti.

Main samajhta raha Hamare Dil Se Dil mile hain.
Aankhein  Khamoshi ki Zubaan samajhti hongi.

Wednesday, 26 September 2018

689 मतलब की मुलाकात (Matlabi Ki Mulakaat .)

हर मुलाकात हमारी हमें नए मुकाम पर ले जाती थी।
 तेरी हर मुलाकात तोहफा बन जाती थी

मेरी मोहब्बत बढ़ती गई तुझसे हर मुलाकात के बाद।
तेरी खामोशी उतना ही मुझे तड़पाती थी।

हर मुलाकात पे मेरा दिल धड़कता था जोर से।
 पर तेरे चेहरे की लकीरें उलझन मेरी बडा़ती थी।

कब इंतजार अगली मुलाकात का, जिंदगी बन गया।
पर जब भी मिला तुझ से, वो आग तुझमें ना नजर आती थी।

 कदम मेरे तो बढ़ते रहे हर फरमाइश तेरी पूरी करने को।
फिर भी खाली पन का अहसास ,हर मुलाकात करवाती थी।

हमने इजहार ए मोहब्बत  कर , तेरे इंकार से जाना।
 हमें मिलने से मतलब होता था ,वो  मतलब से मिलने आती थी।
689 11.53am 21Sept 2018
Har Mulakat Humari hame nae Mukam Pe Le Jati Thi.
 Teri Har Mulakat Tohfa Ban Jati Thi.

Meri Mohabbat badhti Gayi Tujhse Har Mulakat Ke Baad.
Teri Khamoshi Utna Hi Mujhe Tadpati thi.

Har Mulakat Pe Mera Dil dhadakta Tha jor se.
 Tere Chehre Ki lakeeren Uljhan Meri Badati Thi.

Kab Intezar Agly Mulaqat ka, Zindagi Ban Gaya.
Par Jab Bhi Mila Tujhse ,Vo Baat Tujh Mein Na Nazar Aati Thi.

Kadam mere To badte rahe, har farmaish Teri Puri karne ko.
Phir Bhi khalipan ka Ehsaas, Har Mulakat Karvati Thi.

Izjaar e Mohabbat pe ,Tere Inkaar Se Jana .
 Hame Milne Se matlab hota tha, woh matlab se milne Aati Thi.

Tuesday, 25 September 2018

688 हम न जी पाएंगे (Hum Jee Na Payenge)

वह आते हैं जो सामने।
 धड़कन मेरी काबू में नहीं रहती।
कभी उठा ले नजरें जो मेरी तरफ।
हम तो मर ही जाएंगे।

अभी हौसला नहीं है इतना।
की, नजर से नजर मिला लें।
 जो मिल गई नजर से नजर।
हम तो मर ही जाएंगे।

 प्यार कब हुआ उस सूरत से।
मैं अब तक समझ ना पाया हूं।
 धड़कन अब काबू में नहीं रहती।
आगे कैसे जी पाएंगे।

 प्यार अभी तक है एक तरफा।
जुनून बन कर छा गया दिलो दिमाग पर।
जो मिल गया जवाब उधर से ।
तो हम न जी पाएंगे।
688 11.42am 21Sept 2018
Aate Hain Jo Samne.
Dhadkan Meri Kaboo mein nahi rehti.
Kabhi Utha Len Nazrein Jo meri taraf.
Hum Tuo Mar Hi Jayenge.

Abhi Hosla nahi hai itna.
Ki Nazar Se Nazar Mila Lein.
Jab mile gi Nazar Se Nazar.
Hum Tuo mar Hi Jayenge.

Pyaar Kab Hua aUs Surat se.
 Main ab tak Na Samajh Paya Hoon.
Dhadkan ab Kabu mein nahi rehti.
Aage Kaise ji Payenge.

 Pyar abhi tak hai ek tarafa.
Junoon ban kar Ccha Gaya Dil aur dimag pe.
Jo Mil Gaya jawab Udhar Se.
 Toh Hum Jee Na Payenge.

Monday, 24 September 2018

687 भोली सूरत (Bholi Surat)

सूरत है  भोली कितनी।
 बंगाली रसगुल्ले जितनी।
कभी कभी रूठ जाती है।
 तब यह और फूल जाती है।

सब गाल दबाते जोर से।
 लाल हो उठते तब यह और भी।
टमाटर सा हो जाता है रंग।
छेड़खानी जो हो इस के संग।

आईना भी देख खुश हो जाता।
सामने जो प्यारी सूरत पाता।
गोल गोल गाल रंग बदलते।
कभी सफेद कभी लाल हो उठते।

सूरत है कितनी भोली।
 बंगाली रसगुल्ले जितनी।
कभी कभी रूठ जाती है।
 तब यह और फूल जाती है।
687 11.35am 21Sept 2018

Surat Hai Kitni Bholi।
 Bengali rasgulla jitni।
Kabhi kabhi Rooth Jaati Hai।
 Tab Ye Or Fool Jati Hai.

 Sab Gaal Dabate jor se.
Lal Ho uthte tabhi Ye Aur Bhi.
Tomator sa Ho Jata Hai Rang.
Chedkhani Jo Ho Iske sang.

Aaina bhi Dekhkhush ho jata.
Samne Jo Pyari Surat pata.
Gol gol gaal Rang Badalte.
Kabhi Safed Kabhi Lal Ho Uthte.

 Surat Hai Kitni Bholi.
Bengali rasgulla jitni.
 Aaina Samne Pai.
Apni Kismat pe Itrai

Sunday, 23 September 2018

692 मैं अकेला नहीं (Main Akela Nahin)

यह न सोच तुझसे दूर रहकर अकेला हूं मैं।
तन्हाई ,तेरी याद के आंसू, सब साथ है मेरे।

क्या हुआ जो साथ तेरा नसीब नहीं मुझे।
तेरा दिया हुआ गम, तेरे एहसास, साथ है मेरे।

 तेरी दूरियां चाहे तड़पाती हैं मुझे।
पर तुझ से मिली तड़प ,साथ है मेरे।

मेरी निगाहों को तेरा दर्श नहीं हुआ गवारा।
तो क्या हुआ,तेरे ख्वाब साथ है मेरे।

तू क्या सोचती है, तू ना मिली,
 तो, अकेला हो जाऊंगा मैं।

प्यार मैंने किया है, देख लूंगा मैं।
 तेरा दिया हुआ हर दर्द प्यारा है मुझे।
692 2.47pm 22Sept 2019
Yeh na Soch Tujhse Dur Rehkar Akela Hoon Main.
Tanhai ,Teri Yaad ke Aansu ,Sab Saath Hai Mere.
Kya Hua Jo Sath Tera Naseeb Nahi Mujhe.
 Tera Diya Hua Gham, Tere Ehsaas, Sath Hai Mere.

Teri Dooriyan Chahe Tadpati Hain Mujhe.
Tujhse Mili Tadap ,Sath Hai Mere.

 Meri Nigahon Ko Tera Darsh nahi hua gawara.
Toh Kya Hua. Tere Khwab Sath Hai Mere.

 Tu Kya sochti Hai, Tu Na Mili Toh Akela Ho Jaunga main.
Pyar Maine Kiya Hai, dekh Loonga main.
 Tera Diya Hua Har Dard Pyara Hai Mujhe.

Saturday, 22 September 2018

686 इक बार देख मेरी तरफ (Ek Baar Dekh Meri Taraf)

इक बार देख तो ले मेरी तरफ।
मेरी आंखों के जादू से तू ना बच पाएगी।।
मिलेगी जो नजर से नजर।
 मेरा दावा है, तू मेरी हो ही जाएगी।।

नजर चुरा कर जो चली गई तुम।
मेरे प्यार के एहसास को ना जान पाओगी।।
 मैं तो तड़पूंगा ही तेरे प्यार में दिलबर।
मेरा दावा है ,तुम भी पछताओगे।।

 सोच ले अभी मौका है प्यार मेरा पाने का।
समां जो बदल गया ,तो ना उसे मोड़ पाओगी।।
हम तो हो जाएंगे ,नजरों से दूर ,सदा के लिए।
 पर यादों में मेरी ,सदा के लिए तुम समा जाओगी।।
686 3.40pm 20 Sept 2018

Ek Baar Dekh Toh Le Meri Taraf.
Meri Aankhon Ke Jadoo Se Tu Na Bach Payegi.
Milegi jo Nazar Se Nazar..
 Mera Dawa Hai ,Tu Meri Ho Hi Jaigi.

 Nazar Chura Kar Lo Chali gayi Tum.
Mere Pyar Ke Ehsaas ko na jaan paogi.
 Main Toh Tadpunga hi Tere Pyar Mein Dilbar.
 Mera Dawa hai tum bhi pachtaogi.

Soch Le Ab Bhi mauka Hai Pyar Mera pane ka.
Sama Jo Badal Gaya, Toh Na usse Mod Paogi.
Hum To Ho Jayenge Nazron Se Dur Sada ke liye.
Par Yadon Main Meri Sada ke liye ,Tum sama Jaogi.

Friday, 21 September 2018

685 मोहब्बत (Mohabbat)

मेरे प्यार को समझ, ए  मेरे दिलनशीं।
समझ बात को, जो मैंने ,मुंह से कही नहीं।

तेरे प्यार में लुटा बैठा हूं ,आह भर के।
 चांद सताता है मुझे  ,जब तक, चांदनी घुली नहीं।

तेरे प्यार का आसरा चाहता हूं मैं दिलबर।
 खोल राज की बातें ,जो अब तक खुली नहीं।

आंख तेरी कुछ बोलती है, होंठ कुछ और।
दोनों की ही बातें अब तक मिली नहीं।

है तड़प तुझे भी प्यार की, तो खोल दे राज़।
तोड़ दिया प्यार ने दम ,तो न कहना ,मोहब्बत मिली नहीं।
685 3.3.pm 20 Sept 2018


Mere Pyar Ko samajh e' Mere Dil Nasheen.
Samajh Baat Ko ,Jo Maine muh se Kahi Nahi.

Tere Pyar Mein Luta Baitha Hoon, Aah Bhar Ke.
Chand Satata Hai Mujhe, Jab tak Chandni Ghuli nahi .

Tere Pyar Ka Aasra Chahta Hoon Mein Dilbar.
Khol Raaz Ki baten, jo Abtak Khuli nahi.

Aankhen Teri kuch bolti hain,Honth kuch aur.
 Dono Ki Hi Baatein ,ab tak Mili nahi.

Hai Tadap Tujhe Bhi Pyar Ki, Tu khol de Raaz.
Tod Diya Pyar Ne dam, Tu Na Kehna, Mohabbat mili nahi.

Thursday, 20 September 2018

684 आईना (Aaina)

आईना देख क्या समझने की कोशिश करती हो।
 मेरी तरफ देखो, हर सवाल का जवाब मिल जाएगा।

मायूसियों से यूं देखती हो जो आईने को अपने।
मेरी तरफ देखोगी ,तो चेहरा खिल जाएगा।

यूं उदास हो ,अकेले में आइना मत देखो।
 आ जाओ मेरी बाहों में ,सुकून मिल जाएगा।

तन्हाई में आईने को मत बनाओ हमराज़।
राज हमसे कहो दिल का ,दिल से दिल मिल जाएगा।

राज खोलो दिल के, हमराज बना लो मुझे।
मौसम यह खिज़ा का ,तरन्नुम में बदल जाएगा।
684 2.35pm 20Sept 2018Thursday

Aaina dekh kya samajhne ki koshish karti ho.
 Meri taraf Dekho ,Har Sawal Ka Jawab Mil Jayega.

Mayusoni Se Yun Dekhti ho Aaine ko Apne.
Meri Taraf Dekhogi ,Tuo chehra Khil Jayega.

Udas Ho ,Akele Mein ,Aaina Mat  Dekho.
Aa Jao Meri Bahon Mein ,Sukoon Mil Jayega.

Tanhai Mein Aane Ko Mat banao Humraaz.
Raaz Humse Kaho Dil Ka, Dil Se Dil Mil Jayega.

Raaz kholo Dil Ke Humraaz Bana Lo Mujhe.
Mausam Ye Khiza Ka Taranumm Mein Badal Jayega.

Wednesday, 19 September 2018

683अपना सा लगे (Apna Sa Lage)

मिला ना मुझे कोई,जो अपना सा लगे।
जो मिले कोई हंस के,वो सपना सा लगे।
पता नहीं हंसी उसकी असली है या नहीं।
जो भी मिले हंस के, वो ही अपना सा लगे।

 अनजान  लोग ,अनजान राहें मेरी।
 जो गुजर गया दिन वो अपना सा लगे।
अरमान कई पले और कई ढले मेरे।
जो हो गए पूरे वो ही अपने से लगे।

 गुजर जाती है जिंदगी पल पल करके।
 गुजरा हुआ पल.....जब अपना सा लगे।
जो भी मिले ,उसे अपना ही मान ले तू।
चाहे तुझे कोई, अपना लगे, ना लगे।
683 4.50pm 18Sept 2018 Tuesday

Mila na Mujhe koi Jo apna Sa Lage.
Jo mila has ke ,woh Apna Sa Lage.
Pata nahi Hasi uska asli hai ya nahi..
Jo Bhi Mile Has Ke, Woh Apna Sa Lage.

Anjaan  log Anjaan Rahein Meri.
 Jo guzar gaya Din Woh Apna Sa Lage.
Armaan ki pale aur Kai Dhale Mere.
Jo Ho Gaye poore Wohi Apne Se Lage.

 Guzar Jati Hai Zindagi Pal Pal Karke.
Guzra Hua Pal ,Jab  Apna Sa Lage.
Jo bhi mile usse Apna Maan Lena Tu.
Chahe Tujhe, Apna Lage, Na Lage.

Tuesday, 18 September 2018

682 गुरूर ((Gurur)

गुरूर हुस्न का होता तो उतर जाता ढलने के बाद।
 गुरुर यह था, कि तुम मरते थे मेरे हुस्न पर।

नशा शायद उत्तर भी जाता हुस्न का।
 पर जहन में जो बस गया, उसका सुरूर कैसे उतरे।

जवान दिलों ने जो मिलने के ख्वाब देखे।
 उसका नशा उम्र भर ना उतरेगा।

उम्र ढलती है तो ढलती रहे दिल जवां रहेंगे।
एक बार जो इश्क हो गया, तो नशा बढ़ता ही रहेगा।

 हुस्न तो जरिया है ।प्यार दिलों का खेल है।
जब टकराती है नजर से नजर  तो हो जाता मेल है।

दिलों को मिलने का गुरूर होता है।
 हुस्न तो बस एक जरिया होता है।
682 2.57pm 17 Sept 2018
Gurur Husn Ka Hota ,To Utar Jata dalne Ke Baad.
Gurur Ye Tha ki tum marte The mere husn pe.

 Nasha Shayad Utar bhi Jata Husn Ka.
Par Zehen  mein jo bas Gaya uska Saroor Kaise Utre.

Jawan Dilon ne Milne Ke khwab dekhe.
 Uska Nasha Umar bhar Na Utrega.

Umar Dhalti hai tu Dhalti Rahe, Dil Javan rahenge.
Ek baar Jo Ishq Ho Gaya ,Tu Nasha Badta Hi Rahega.

Husn To zariya Hai ,Pyar Dilon Ka Khel hai.
Jab takrati Hai Nazar Se Nazar ,Toh ho jata male hai.

Dilo ko milne ka guroor hota hai.
Husna Toh Bas Ik Dariya Hota Hai

Monday, 17 September 2018

681 तुझे पाने की कसक (Tujhe paane ki Kasak )

तुझे पाने की कसक ना थी मुझे।
मुझे तो तेरा प्यार पाना था।

आज भी यादों में बसी है तू।
जो गुजर गया वो भी एक जमाना था।

कट गई जिंदगी यूं तो तेरी याद में।
फिर भी खाली दिल का कोई कोना था।

तुझे पाने की..............।
 मुझे तो तेरा प्यार........।

तुम ना जाने किस हाल में जी रही हो।
 मुझे तो बस तेरा पता पाना था।

चाहत तो बस इतनी थी  कि तुझे मंजिल मिले।
वरना अपना कहां कोई ठिकाना था।

तुझे पाने की.............।
 मुझे तो तेरा प्यार......।
681 17Sept 2018 Monday
Tujhe paane ki Kasak Na Thi Mujhe.
Mujhe Toh Tera Pyar Pana tha.

Aaj Bhi Yaadon Mein Basi Hai Tu.
Jo guzar gaya  woh bhi Zamana Tha.

Kat Gayi Zindagi Yun Toh Teri Yaad Mein.
 Phir Bhi Khali dil ka koi Kona Tha.

Tujhe paane ki.............
 Mujhe toh tera pyar....

Tum Na Jane Kis Haal Mein Jee rahi ho.
Mujhe Toh bas Tera Pata Pana Tha.

Chahat Toh Bas Itni thi ki Tujhe Manzil mile.
Varna Apna Kahan Koi Thikana tha.

Tujhe paane ki...........
 Mujhe toh tera pyar....

Sunday, 16 September 2018

680 दिल टूटने का दर्द (Dil Tutne Ka Dard)

दिल टूटने पर दर्द ऐसा होता है।
जैसे चुभता है कोई टूटा कांच।
ख्वाब टूट जाए तो दर्द ऐसा होता है।
जैसे टूटे कांच पर ,रख दिया हो पाँव।

जोड़ना जब नहीं आता,
 तो तोड़ क्यों देते हैं।
जख्म मुश्किल से जुड़े हुए,
 लोग खोल क्यों देते हैं।

चुभाते हैं शूल ऐसे जोर से,
 कि खुल जाते हैं सिले घाव।
 सवाल उठते हैं फिर इस दर्द पर,
मिलता नहीं कोई जवाब।

दिल टूटने पर दर्द ऐसा होता है,
जैसे चुभता है कोई टूटा कांच।

आ कुछ मरहम लगा,
कुछ तो चैन आए।
तेरा दिया हुआ  जख्म,
 कहीं नासूर ना बन जाए।
680 5.20pm 16 Sept 2018 Sunday
Dil tootne par Dard aisa hota hai.
Jaise chubhta hai koi Toota Kanch.
Khwab Tut Jayen To Dard aisa hota hai.
Jaise tute kanch par rakh Diya Ho Panv.

Jodna Jab Nahi Aata.
 Tu tod kyu Dete Hain.
Jakham Mushkil se Jude huye.
Lo Khol kyu Dete Hain.

Chyhatein Hain Shoil Aise jor se.
Ki khul Jate Hain Sile Ghav.
Sawal Uthte Hain Phir is Dard par.
Milta Nahi Koi jawab

Dil tootne par Dard aisa hota hai.
Jaise chubhta hai koi Toota Kanch.
Khwab Tut Jayen To Dard aisa hota hai.
Jaise tute kanch par rakh Diya Ho Panv.

 Aa kuch marhum Laga.
Kuch Toh Chain Aaye.
Tera Diya hua zakham.
Kahi nasur Na Ban Jaye.

Saturday, 15 September 2018

679 वक्त

वक्त के सामने आदमी की औकात क्या।
यह तो पल भर मे, सबका मुकद्दर बदल देता।

 आदमी कहता, मैं हूं आज का राजा।
कब किस पल किस्मत बदल जाए, क्या पता।

 आज राजा बनके तू बैठा हुआ।
कल तेरी क्या औकात रह जाए,तुझे क्या पता।

तू जो भी कर रहा है आज वो तेरा खजाना बना।
 वक्त आगे चल कर देगा,तुझे वो सब लौटा।

अच्छा किया तो सामने अच्छा ही आएगा।
 आज बुरा करने कि कल पाएगा तू सजा।

वक्त के सामने आदमी की औकात क्या।
यह तो पल भर मे सबका मुकद्दर बदल देता।
679 4.50pm 15 Sept 2018 Saturday

Friday, 14 September 2018

678 मायूस निगाहें (Mayoos Nigahen )

करना तो बहुत कुछ चाहता हूं ऐ सनम।
 पर तेरी मायूस निगाहें रोक देती हैं।
मेरे बढ़ते हुए कदमों को, तेरी तरफ,
हर बार, मुड़ने से रोक देती हैं।

मायूसियों से कब किनारा होगा ऐ सनम।
कब तेरी तरफ बढ़ेंगे मेरे कदम।
 कितना भी करूं हौसला तुझे पाने का,
तेरी मायूस निगाहें कदम रोक देती हैं।

क्यों नहीं उबर पाते हो इस उलझन से।
 क्यों किनारे आने की तुझे चाह नहीं।
 कौन सी ऐसी जंजीरें हैं ऐ मेरे सनम।
जो तुझे उबरने से रोक देती है।

 उठ अब तो सब्र का बांध टूटा जाता है।
बाढ़ आने को है मेरी उल्फत की।
 छोड़ मायूसियों को अपनी अब ए सनम।
किनारे पर दोनों अपनी कश्ती मोड़ देते हैं।
678 2.32pm 14 Sept 2018 Friday
Karna toh bahut kuch chahata hoon e Sanam.
Par Teri mayoos Nigahen rok Deti Hain.
Mere badte Hue Kadmo Ko ,Teri Taraf,
Har Baar, Mudne se rok Deti Hain.

Maausion se kab Kinara Hoga e Sanam.
Kab Teri Taraf Badenge Mere Kadam.
Kitna bhi Karoon Honsla Tujhe paane ka.
Teri Mause Nigahien Kadam rok Deti Hain.

Kyon nahi Uber Pata tu Is Uljhan Se.
Kyun kinaare Aane Ki Tujhe Chah nahi.
Kaun si Aisi Jangeeren Hai e Mere Sanam.
 Jo Tujhe Ubrne Se rok Deti Hain.

Ab to Sabar ka Band Tuta jata hai.
 Baad Aane Ko Hai ,Meri Ulfat ki.
Cchod Mausion ko apni ab e Sanam.
Kinare ki taraf Dono Kashti Mod dete hain.

Thursday, 13 September 2018

677 मुस्कुराने की वजह (Muskurane ke Vjeh)

मुस्कुराने के लिए वजह क्यों ढूंढता फिरता है।
वह तो कदम कदम पर बिखरी पड़ी है।
नजर क्यों तुमने बंद कर रखी है।
 आंखें खोल ,हर तरफ खुशियां बिखरी पड़ी है।

दुख दर्द ,यह तो आंख का धोखा है।
इसी में तो खुशी का मर्ज़ छुपा होता है।

आशिक दूरियों में भी यादें ढूंढ लेते हैं।
 तनहाई में खुशी की वजह ढूंढ लेते हैं।
मुस्कुराने के लिए किसी इंतजार की जरूरत नहीं।
 जो है, उसी में खुशी ढूंढ लेते हैं।

जुदाई में रोने से अच्छा है,
तेरी याद में मुस्कुराना ए सनम।
हम तेरी याद में ही सारी दुनिया की,
खुशियां ढूंढ लेते हैं।

कुछ तो मिला मुझे, ए सनम तुझसे,
यह भी सबका नसीब नहीं होता।
 तेरे प्यार का गम मिला मुझको,
यह भी सबको नसीब नहीं होता।
यही मेरे मुस्कुराने की वजह है।
तेरे चेहरे को याद करके ,
खुशी की वजह ढूंढ लेता हूं।
677 11.05am 11Sept 2018 Tuesday
Muskurane ke liye Vajeh Kyun Dhoondta Phirta hai.
Vho to Kadam Kadam Pe bikhri padi hai.
 Nazar Kyun tune band kar rakhi hai,
Aankhen khol ,Har Taraf Khushiyan Bikhri Padi Hain.

 Dukh Dard Toh, Aankh Ka Dhoka. hai
Isi Mein Khushi Ka Marj chupa Hota Hai.
Aashiq Dooriyan Mein Hai Yaadein Dhoond Lete Hain.
Tanhai Mein Khushi ki wajah dhund Lete Hain.
Muskurane ke liye Kisi Intezaar Ki Zaroorat Nahi.
 Jo Hai Usi Mein Khushi Vajeh dhoondh Lete Hain.

Judai Mein Rone Se Achcha hai,
Teri Yaad Mein Muskurana e' Sanam.
Hum Teri Yaad Mein Hi ,
Saari Duniya Ki Khushiyan dhund Lete Hain

Kuch Toh Mila Mujhe Aye Sanam Tujhse,
 Yeh Bhi sabka Naseeb nahi hota.
Tere Pyar Ka Gham Mila Mujhko,
 Yeh Bhi Sabko Naseeb nahi hota.

Yehi mere muskurane ki wajah hai,
Tere Chehre ko yaad Karke ,
Khushi ki wajah dhund Leta Hoon.

Wednesday, 12 September 2018

676 मुलाकात (Mulakaat)

कोई इरादा तो नहीं था तुमसे मुलाकात का,
 फिर भी तुमसे मुलाकात हुई।

यूं तो हम अनजान थे ,फिर भी इस तरह,
हमारी आंखें चार हुई।

दिल कब मिल गए, हमें मालूम भी ना पड़ा,
कब प्यार की बरसात हुई।

 अब क्या करें इस दिल का, धड़क रहा है जोर से,
 जब से बिछड़ने की बात हुई।

क्यों हो गया प्यार, इक मुलाकात के बाद,
 क्यों दिल से दिल की बात हुई।

अब मालूम हुआ ,प्यार इरादों से नहीं होता,
 वह तो बस हो जाता है।

इरादा जो रखते ,तो अंजाम का एहसास भी होता,
 और प्यार का अंजाम तो सभी जानते ही हैं।
676 4.08pm 6 Sept 2018
Koi Irada toh nahi tha Tumse Mulakat ka.
Phir Bhi Tumse Mulakat Hoi.

Yun Toh Hum Anjaan the Phir Bhi Iss Tarah.
Hamari Aankhen Chaar Hui.

 Dil kab mil gaye ,Hame Maloom bhi na pada.
Kab Pyar Ki Barsat Hui.

Ab Kya Karen, Dil Ka dhadak raha hai jor se.
Jab Se Bichad Ne ki baat hui.

Kyun Ho Gaya Pyar Ek Mulakat Ke Baad.
Kyon Dil Se Dil ki baat hui.

 Ab Maloom Hua pyar Iraadon se nahi hota.
Woh Toh Bas ho jata hai.

Irada Jo rakhte to Anjaam ka Ehsaas Hota.
 Aur Pyaar Ka Anjaam toh Sabhi Jante Hai.

Tuesday, 11 September 2018

675 तेरा प्यार कभी कम ना होगा (Tera Pyar Kabhi Kam Na Hoga.)

कहते हो तुम कि, वक्त बदल देता हैं इंसान को।
बहुत मुश्किल वक्त से संभलना होगा।

हम कहते हैं।।।

 बदल भी जाओ तो गम ना होगा।
क्योंकि जानते हैं हम,
तब भी तेरा प्यार कभी कम ना होगा।

 बदलने दो समा अपनी जिंदगी का,
अलग-अलग परिस्थितियों में।
पर तुम ना सोचो मेरे बारे में ,यह सितम ना होगा।

तुम बढ़ते रहो जिंदगी में अपनी,
 चाहे हम साथ ना हो।
ख्याल हमारा तुमसे, कभी अलग ना होगा।

बदलना तो रीत है दुनिया की,
तुम कैसे ना बदलोगे।
पर प्यार अटल है ,जो कभी नाम ना होगा।

बदल भी जाओ तो गम ना होगा ।
 क्योंकि जानते हैं हम,
तब भी  तेरा प्यार कभी कम ना होगा।
4.00pm 675 6 Sept 2018


Kehte Ho Tum ke Waqt Badal Deta Hai Insaan ko.
Bahut Mushkil Waqt se sambhlna hoga.

Hum kehte hain

Badal bhi Jao Toh Gham Na Hoga.
Kyunki Jante Hain Hum,
Tab bhi Tera Pyar Kabhi Kam Na Hoga.

Badalne do Sama Apni Zindagi Ka,
 Alag alag paristhithiyon mein.
Par Tum Na Socho Mere baare mein, Yeh Sitam Na Hoga.

Tum badte raho Zindagi Mein Apni,
 Chahe hum saath Naa hon.
Pay khyal Hamara Tumse Kabhi alag Na Hoga.

Badalna to Reet Hai Duniya Ki.
Tum kaise Na badlo Ge.
Par Pyar Atal Hai ,Jo Kabhi Nam Na Hoga.

Badal Bhi Jao.....

Monday, 10 September 2018

674 इंतजार (Intzaar)

इंतजार में जो मजा है, वो विसाल-ए-यार में कहां।
 एक बार जो मुलाकात हुई, इंतजार खत्म हो जाएगा।

मुलाकात तो पल दो पल की है हमारी।
 इंतजार मुझे हर पल ,तेरी याद दिलाएगा।

मिलते तो हम हैं सदा बिछड़ने के लिए।
 इंतजार का समां तो ,सदा ही मेरे साथ रह जाएगा।
मुलाकात तो पल दो पल...............।
इंतजार मुझे हर पल..................... ।

 क्यों मैं कोसूँ इंतजार की घड़ियों को।
वही तो साथी हैं मेरी, वो वक्त ,बिछड़ने पे, साथ रह जाएगा।

मुलाकात तो पल दो पल........।
 इंतजार मुझे हर पल.............।
674  3.53pm 6Sept 2018 Thursday
Intezaar mein jo Maza hai ,woh ,Visaal e'yaar mein kahan.
Ek baar Jo Mulakat Hui, Intezar khatam ho jayega.
Mulakat Toh Pal Do Pal Ki Hai Hamari.
 Intezaar Mujhe Har Pal Teri Yaad Dilaayega.

Milte Toh Hum Hain Sada bicharne ke liye.
 Intezar Ka Sama Tu Sada Hi ,Mere Saath Reh Jayega.
Mulakat To pal do pal..............
Intezar Muje har pal..... ...........

Kyun Main Kosun Intezaar Ki ghadiyan ko.
Wahi tou Saathi Hai Meri ,wo Waqt, bichhadne pe saath rehJayega.
Mulakat Toh Pal Do Pal........
Intezar Mujhe Har Pal...........

Sunday, 9 September 2018

673 दिल जानता है (Dil Jaanta hai ki)

दिल जानता है ,कि तू तो उसका ही हुआ बैठा है।
यह दिल तो चाहता यही है।
 कि धड़कूँ तो उसी की याद में ,जान जाए तो उसी की याद में।

कसूर नजरों का था, पर दिल ने प्यार तो कर ही लिया।
अब तो काटना चाहता है उम्र ,बस उसी फरियाद में।

प्यार जो कर बैठा ,सोचा भी नहीं ,अंजाम क्या होगा।
 दफा कौन सी लगेगी ,सजा मिलेगी क्या ,इस हाल में।

 उनको खबर नहीं ,जिनके प्यार का गम लिए बैठे हैं।
ना जाने वो ,जान पाएंगे या नहीं ,हम डूबे हैं उनके प्यार में।
673 2.55pm 4Sept 2018 Tuesday 
 धड़क-धड़क के तड़पता है ये दिल उसे याद करता हुआ।
यूं ना हो, कि धड़कना छोड़ दें एक दिन, उसकी याद में।

Dil Jaanta hai ki, tu toh Uska Hi Hua baitha hai.
Yeh Dil Tui Chahata  Yehi Hai,
 Ki dharkun toh Usi Ki Yaad Mein ,Jaan Jaye tou Uski Yaad Mein.

Kasoor Nazron Ka tha Par Dil Ne Pyar To Kar Hi Liya.
 Ab toh katna chahata Hai Umar Bas Usi Fariyad me.

Pyar Jo kar Baitha ,socha bhi nahi ki Anjaam kya hoga.
Dafa kaunsi lagegii , saza Milegi kya, Is Haal me.

UnKo Khabar Nahi ,Jinke Pyar Ka Gham liye Baithe Hain.
Na Jaane Woh Jaan Payenge ya Nahi ,Hum To Dube hain UnKe Pyar Mein.

Dhadak Dhadak ke Tadapta hai Ye Dil usse Yaad Karta hua.
 Yun na Ho ,ki dhadakna Chhod De Ek Din, uski Yaad Mein.

Saturday, 8 September 2018

672 पहली अधूरी मुलाकात (Pehli Adhuri Mulakat )

वह पहली मुलाकात हमारी ,हसीन थी कितनी।
जब नजर से नजर ,दिल से दिल मिले।

 हम खुद ही मुलाकात को अधूरा छोड़ आए थे।
ताकि ,पूरा करने को एक मौका और मिले।

 अधूरा जो रहे कुछ ,तो उसे पूरा करने का जुनून रहता है।
मुलाकात को  धड़कता है दिल जोर से, फिर चाहे हम मिले ना मिलें।

 दिल तो तड़पेगा ही फिर से मुलाकात के लिए।
क्योंकि आंखों ने आंखों से ,पहली मुलाकात पे ,जाम भर भर के पीए।

नशा ना उतरेगा अब प्यार का बिन मिले।
प्यार और बढ़ेगा फिर भी ,जो फिर से मिले।

अब तो आग भड़क चुकी है दोनों के सीनों में।
शायद मुलाकात हो पूरी ,तो कुछ आराम मिले।
672 4 Sept 2018 Tuesday
Woh Pehli Mulakat Humari Haseen Thi Kitni.
Jab Nazar Se Nazar, Dil Se Dil Mile.

Hum Khud Hi Mulakat ko Adhura Chod Aaye The.
 Taki pura karne ka, ek moka aur mile.

Adhura Jo Rahe Kuch ,Toh usse pura karne ka Junoon rehta hai.
Mulakat Ko Dil dhadakta Hai jor se, Phir Chahe Hum Mile Na Milen.

Dil To tadpega Hi ,Phir Se Mulaqat Ke Liye.
Kyon Ki Aankhon Ne Aankhon Se, Pehli Mulakat pe ,Jaam Bhar Bhar Ke Piye.


Nasha na Utrega Ab Pyar Ka,Bin mile.
Pyar aur badega Phir Bhi ,Jo Phir Se Mile.

Ab To Aag Bhadk chuki hai Dono Ke Seeno Mein.
 Shayd jo Mulakat Ho Poori, tuo kuch Aaram Mile. 

Friday, 7 September 2018

671 कोई ख्वाहिश नहीं बाकी अब (Koi Khwahish nahi Baki ab)

तू पूछता है मेरी ख्वाहिशों को पूरी करने के लिए।
 कोई ख्वाहिश नहीं बाकी अब,
जो तूने गम दिए थे ,वही अब तक समेटे न गए।

जब से प्यार किया तुमसे आंसुओं के तोहफे है मिले।
कोई ख्वाहिश नहीं बाकी अब,
 उन आंसुओं के सैलाब मुझसे  अब तक रोके न गए।

तड़पाया तूने मुझे इस तरह, की तड़प ,तड़प ना रही।
कोई ख्वाहिश नहीं बाकी अब,
जो ख्वाब सजाए थे तेरे साथ, वह सब टूट गए।

यह दिल भी कितना मासूम है, तेरा ख्याल अब तक न छोड़ा
अब कोई ख्वाहिश नहीं बाकी अब तो,
 कर ख्वाहिश पूरी इस दिल की।
 फिर ना कहना ,बिन मिले ,पंछी उड़ गए।
671 2.40pm 4Sept 2018
Tu puchta hai meri khwahishon ko Puri karne ke liye.
Koi Khwahish nahi Baki  Ab,
Jo Tune Gham diye the ,wahi Ab Tak samete Na Gaye.

Jab Se Pyar Kiya Tumse ,Ansuon ke Tohfe hi Mile.
Koi Khwahish nahi Baki ab,
Un anasuon ke Sailab ,Mujhse ab tak roke na Gaye.

Tadpaya Tune Mujhe Is Tarah Ki ,Tadap ,Tadap na rahi.
Koi Khwahish nahi Baki ab,
Jo Khwab sajaye the Tere Saath,Vo sab Toot Gaye.

Yeh Dil Bhi Kitna Masoom Hai ,Tera Khayal Ab Tak Na choda.
Koi Khwahish nahi Baki ab,
Ab Tuo kar Khwahish Puri Is Dil Ki ,Phir Na Kehna ,Bin Mile Panchi Ud Gye. 

Thursday, 6 September 2018

670 .अपना हर कोई नहीं बनता (Apna Har Koi Nahi Banta.)

प्यार चीज ही ऐसी है ,ना जाने कब किस से हो जाए। पर,
 प्यार हर कोई कर लेता है, अपना हर कोई नहीं बनता।

नजरें दूर से ही प्यार के बीज को पाल लेती हैं। पर,
एकतरफा प्यार से ,प्यार के पौधे पर फल नहीं बनता।

 प्यार करो तुम ,यह तुम्हारे ही दिल का फैसला है। पर,
जिसे तुम चाहो वो तुझसे प्यार करे ,यह जरूरी तो नहीं बनता।

तनहाई भी एक ईनाम है, प्यार करने वालों का। पर,
प्यार का इनाम ,जो तुम चाहो, वोही मिले ,यह जरूरी तो नहीं बनता।

 आशिक बनना है आसान, पर प्यार को परवान चढ़ाना है मुश्किल।
जिसे तुम चाहो वह भी सींचे तुम्हारे प्यार के पौधे को ,जरूरी तो नहीं बनता।
2.33pm 4 September 2018
670
Pyar cheez hi aisi hai, Na Jane Kab kise ho jaye. Par,
 Pyar Har Koi kar leta hai ,Apna Har Koi Nahi Banta.

Nazaren Dur Se Hi Pyar ke beej Ko pal Leti Hain.Par,
 Ek Tarfa Pyar Se ,Pyar Ke paude Pe Phal nahi Banta.

Pyar Karo Tum ,Yeh Tumhare Hi Dil Ka Faisla Hai. Par,
Jise Tum Chaho, wo Tujhse Pyar Kare ,Ye zaroori To Nahi Banta.

Tanhai Bhi Ek Inaam Hai ,Pyar Karne walon ka. par,
Pyar Ka Inaam Jo Tum Chaho wo Mile,Ye zaroori To Nahi Banta.

 Aashiq Banana Hai Aasan, par Pyaar Ko Parwan Chadana Hai Mushkil.
Jise Tum Chaho ,Wo bhi Sinche Tumhare Pyar Ki Paude Ko ,zaroori To Nahi Banta.

Wednesday, 5 September 2018

669 यह ना थी तुम्हारी किस्मत (Ye Na Thi Hamari Kismat)

 यह ना थी तुम्हारी किस्मत, कि हम तुम्हारे होते।
बने किस्मत वाले वो, जिन्हें हम मिले।

 यूं तो मौका दिया था किस्मत ने तुम्हें ,इसे बनाने का।
पर तुमने ही फेरी नजरें, तभी तो दूसरों के गुल खिले।

आज कांटो में बैठे हैं गम लिए चेहरे पर इतना।
 जब हाथ बढ़ाया था हमने ,तो क्यों ना गले मिले।

जो हाथ बढ़ाते, तो दिल भी मिल जाते हमारे।
 दूर हो ही जाते ,जो थे मन में कोई शिकवे गिले।

अब सोचने से होगा भी क्या ,वक्त बीत गया है।
अब न सोचो क्यों हम मिले, और मिल के भी ना मिले।
669 2.18pm 5Sept 2018
Ye Na Thi Hamari Kisma,t ki Hum Tumhare Hote.
Bane Kismat wale wo ,Jine Hum Mile.

 YounTuo moka diya tha Kismat Ne Tumhe ,Ise banane ka.
Par Tumne hi Phri Nazaren, tabhi to dusro ke Gul Khile.

Aaj Katon  Mein Baithe Hain, Gham liye Chehre Pe Itna.
Jab hath Badaya Tha Humne, toh Kyun na Gale Mile.

Jo Haath Badhte,  tu dil bhi mil Jate Hamare.
 Dur Ho Hi Jaate, Jo the man mein koi Shikwe Gile.

Ab sochne se Hoga Bhi Kya ,Waqt Beet Gaya Hai.
Ab Na Socho, Kyun Hum Mile, aur Mil Ke Bhi Na Mile.

Tuesday, 4 September 2018

668 आस (Aas)

तुम तो रहे अपनी ही धुन में गुम ,जो सफर कर रहे थे।
तुमने कहाँ मुड़के देखा ,हम किस हाल में गुजर कर रहे थे।

दिल चकनाचूर हुआ तुझे दे के, ओ  बेदर्द सनम।
 उसी टूटे दिल के टुकड़े बटोर जिंदगी बसर कर रहे थे।

बड़ी आस बांध के बैठे थे, एक बार तो देखोगे मुड़ के।
चले रहे साहस बटोर पीछे पीछे ,जो जिंदगी का सफर कर रहे थे।

अंदाज़ बदल गया तुम्हारा हम से बिछड़ के ऐसा ,कि क्या कहें।
फिर भी देखिए हमारी तरफ, हम आपकी कदर कर रहे  हैं।

यूं तो सूख चुके हैं आंसू, दिल के हो गया है पत्थर का।
पर हम तो ए सनम आज भी ,दुआ तुम्हारी ही नज़र कर रहे हैं।

 31 Aug 2018 Friday
Tum Toh Rahe apni hi Dhun Mein Gum, jo Safar kar rahe the.
 Tumne kahan Mud Ke Dekha  Hum Kis Haal Me Guzar kar rahe the.

Dil Chakna choor Hua Tujhe De Ke ,O Bedard Sanam.
 Usi Tute Dil Ke Tukde Bator, Zindagi Basar kar rahe the.

Badi Aas Band Ke Baithe the ,Ek Baar Toh Dekho Ge Mud Ke.
Chale Rahe Sahas butour Piche Piche, Jo Zindagi Ka Safar kar rahe the.

Andaz badal gaya Tumhara Humse Bichad Ke Aisa, ki kya Kahin.
Phir Bhi dekhiye Hamari Taraf ,Hum apki Kadar kar rahe hain.

Yun To Sookh Chuke Hain Aansu, Dil Ho Gaya Hai Pathar Ka.
 Par Hum To e' Sanam Aaj Bhi ,Dua Tumhari Nazar kar rahe hain.

Monday, 3 September 2018

667 आंखों का कसूर (Aankhon Ka Kasoor)

जब से देखा चेहरा उसका, नींद ने अलविदा कह दिया।
कसूर तो आंखों का ही था ,सजा तो मिलनी ही थी।

 दिल लिया उसका, तो नींद ने नाता तोड़ दिया।
आंखों को अपने जुर्म की ,सजा तो मिलनी ही थी।

 तड़प रहा हूं मैं जब से नजर मिलाई यार से।
नींद साथ छोड़ गई ,आंखों के कपाट से।

 जब किए थे आंख मिचोली के खेल तुमने।
नींद तो उड़नी की थी, सजा तो मिलनी ही थी।

दिल दिया तो नींद गई, करार गया तो प्यार मिला।
 सौदा तुम ही बोलो अदला-बदली का कैसा लगा।

तुम क्यों सोच कर बैठे थे ।तुम चुरा लोगे और
 चुकाना कुछ भी ना पड़ेगा, सजा तो मिलनी ही थी।

667 1.16pm 31Aug 2018




 Jab Se Dekha Chehra uska ,neend ne Alvida Keh Diya.
Kasoor to Aankhon Ka Tha, Saja to milne Hi thi.

Dil Liya uska ,toh Neend Ne Nata Tod Diya.
 Aankhon ko Apne Zurm Ki ,Saza To milni hi thi.

Tadap Raha Hoon Main ,Jab Se Nazar Milai yaar se.
Neend Sath Chhod Gayi, Aankhon Ke KaPaat Se.

Jab kiye the Aankh Micholi Ke Khel Tumne.
 Neend to Udni hi thi ,Saza To Milni hi thi.

Dil Diya toh Neend Gayi ,Karar Gaya to Pyar Mila.
 Sauda Tum Hi bolo adla badli Ka Kaisa laga.

Tum kya Soch ke Baithe the, Tum churalo ge aur,
 Chukana Kuch Na Padega, Saja to milne Hi thi.

Sunday, 2 September 2018

666 तेरी आंखें तारीफ करती है (Teri Aankhen Tarif karti hai.)

मैं इस काबिल कहां कि कोई मेरी तरफ नजर भी करे।
गुरुर तो होना ही था खुद पर, तेरी आंखें जो तारीफ करती है।

 हटती ही नहीं वो एक बार जो देखने लगती है इधर।
गुरुर होता है खुद पर ,तेरी आंखें जो तारीफ करती है।

रोकते हैं हम खुद को फिर भी ,खोने से इन आंखों में।
 कहीं डूब ही न जाएं, जब तेरी आंखें तारीफ करती है।

क्यामत क्यों नहीं आ जाती, मैं सोचता हूं कभी।
काश, समा वहीं रुक जाए ,जब तेरी आंखें तारीफ करती है।

666 1.17pm 30 Aug 2018



Mai is Kabil kahan ,Ki Koi Meri Taraf Nazar bhi kare.
Garur To Hona Hi Tha Khud Par ,Teri Aankhen Jo Tarif karti hai.

Hatti Hi nahi ,wo ek baar Jo dekhne Lagti Hain idhar.
 Garur Hota Hai Khud Par, Teri Aankhen Jo Tarif karti hain.

Rokte Hain Hum Khud Ko Bhi ,Phir Khone se in Aankhon Mein.
Kahi Dhoob hi Na Jayen,Jab Teri Aankhen Tarif karti hain.

 Qayamat kyun nahi aa Jati  Mein Sochta Hoon Kabhi.
Kash, Sama wahi Ruk Jaye, Jab Teri Aankhen Tarif karti hai.

Saturday, 1 September 2018

665 आज फैसला कर लेता पर( (Aaj Faisla kar leta par)

तड़पा हूं बहुत तेरी याद में मैं,
 आज फैसला कर लेता पर,
आंखों में तेरी, कई सवाल थे।
 जिनके मुझे जवाब देने थे ।

यूं ही घुट घुट के जीने का मुझे शौक नहीं।
 आज फैसला कर लेता पर।
सपने जो तूने मेरे तोड़े।
मुझे वो सब हिसाब लेने थे।

एक मुलाकात अभी बाकी है।
आज फैसला कर लेता पर।
मुलाकात कर, कुछ पल लौटाने हैं।
कुछ पल मुझे वापस लेने हैं।

एक-एक पल का हिसाब करना है।
आज फैसला कर लेता पर।
 खुद ,मेरी जिंदगी के पन्ने बिखरे पड़े हैं।
वह सब मुझे एक जगह पिरोने हैं।

यूं ही घुट घुट के जीने का मुझे शौक नहीं।
 आज फैसला कर लेता पर।
सपने जो तूने मेरे तोड़े।
मुझे वो सब हिसाब लेने थे।
665 12.47pm 30 Oct 2018
Tadpa Hoon bahut Teri Yaad Mein Main.
Aaj Faisla kar leta par,
Aankhon Mein Teri kai sawal the,
 Jinke Mujhe jawab Lene the.

Yunhi ghut ghut Ke Jeene Ka Mujhe shok nahi.
Aaj Faisla kar Leta par,
Sapne Jo Tune Mere Tode,
Mujhe woh sab hisab Lene the.

Ek Mulaqat Abhi Baki Hai.
 Aaj Faisla kar Leta par,
Mulakat kar kuch Pal Lotane hain
kuch Pal Mujhe Wapis Lene Hein.

Ek Ek Pal Ka hisab karna hai.
Aaj Faisla kar le thaper,
Khud Meri Zindagi Ke Panne bikhre Pade Hain.
Vo sab mujhe ek Jagah Pirone hain.

Yunhi ghut ghut Ke Jeene Ka Mujhe shok nahi.
Aaj Faisla kar Leta par,
Sapne Jo Tune Mere Tode,
Mujhe woh sab hisab Lene the.