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Thursday, 8 August 2019

1002 भरोसा (Bharosa)


भरोसा क्यों नहीं तुझको,
 बता ऐसा क्या किया मैंने।
हर एक बात लगती है तुझे झूठी,
बताओ ऐसा क्या किया मैंने।

 गैरों पर भरोसा है तुझे,
बात उनकी ही सच्ची लगती है।
 मैं तेरा चाहने वाला हूँ,
बताओ ऐसा क्या किया मैंने।

अगर भरोसा तुझे हो जाए,
मेरा सच सामने आ जाए।
मैं  तेरा  चाहने  वाला हूँ,
जब भी किया भला ही किया मैंने।

भरोसा दोस्ती की नींव होती है।
नींव कच्ची मत लगाना तू।
 भरोसा जीत लूँगा मैं।
यह वादा कर दिया मैंने।

आजमा लेना मुझे भी तू,
गैरों को भी आजमान।
 नतीजा जो भी निकलेगा,
उसी को मान लिया मैंने।
7.05pm 8 Aug 2019



Bharosa Kyon Nahin Tujhko.
Bata aisa kya kiya maine.
 Har ek baat Lagti Hai Tujhe jhuthi.
Bata aisa kya kiya maine.

Gairon Par Bharosa Hai Tujhe.
Baat Unki hi Sachi Lagti Hai.
Main Tera Chahne Wala Hoon.
Bata aisa kya kiya maine.

Agar Bharosa Tujhe ho jaaye.
 Mera Sach Samne aa Jaaye.
Main Tera chahane Wala Hoon.
Jab Bhi Kiya ,Bhala hi kiya maine.

Bharosa dosti ki Neev hoti hai.
Neev Kacchi mat Lagana Tu.
Bharosa Jeet Lunga mein.
Yeh Vaada Kar Diya Maine.

Aazma Lena Mujhe Bhi Tu.
Gairon Ko Bhi Aazmana.
Natija Jo Bhi niklega.
Usi ko man liya maine.



2 comments:

विभा रानी श्रीवास्तव said...

आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" शनिवार 10 अक्टूबर 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

सुशील कुमार जोशी said...

सुन्दर सृजन