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Friday, 31 August 2018

E664 एहसास (Ehsaas)

जो हम ना आते, तुझे ख़ुशी का एहसास ना होता।
जो न जाते ,तो गम का एहसास ना होता।

तेरी नजरों से नजरें मिलाने की सजा जो मिली,
 उसका गम मेरे साथ ना होता।

खुशी तो थी पल भर की,
जो मुलाकात हुई और आंखें चार हुई।

पछताना पड़ा जिंदगी को, तेरा साथ पाकर,
जो न मिलते ,बिछड़ने का एहसास न होता।

अब तू भी परेशान है ,मैं भी परेशान हूं।
सब नजरों का कसूर है ,वर्ना यह आलम ना होता।

कब मिलेगी मंजिल ,जब यह गम दूर होगा।
 जब ना मिलने की रस्म,ना बिछड़ने का दस्तूर होगा।
तुम मेरे हो मेरे रहोगे, ना दिल यह सोचने को मजबूर होगा।
जब हो ही जाएंगे एक ये दो दिल, तब ना तेरा, ना मेरा कसूर होगा।
664 12.20pm 30 Aug 2018 Thursday
Jo Hum Na Aate ,Tujhe Khushi Ka Ehsaas Na Hota.
 Jo Na Jate ,to gam ka Ehsaas Na Hota.

Teri Nazron Se Nazre milane ki saza Jo Mili Hai.
Uska Gam Mere Saath Na Hota.

 Khushi to thi pal Bhar ki.
Jo Mulakat Hui aur Aankhen Chaar Hui.

Pachhtana Pada Zindagi Ko, Tera Sath Parker.
Jo na Milte bechhadne ka Ehsaas Na Hota.

Ab tu bhi Pareshan Hai ,Main Bhi Pareshan Hoon.
Sab Nazron ka Kasoor Hai Warna Ye Alam Na Hota.

Kab Milegi Manzil .Jab Ye Gham Dur hoga.
Jab na milne ki Rasam ,Na bichdne ka Dastoor hoga
Tum Mere Ho Mere Rahoge .Na Dil Ye sochne ko Majboor hoga.
Jab  Ho hi Jayenge Ek Ye Do Dil,Tab Na Tera Na Mera Kasoor hoga.

Thursday, 30 August 2018

663 जिंदगी हंस के गुजार दी (Zindagi Has Ke gujar Di.)

जिस ने गम दिया, उसी के गम में जिंदगी हंस के गुजार दी।
यही था शायद मेरी किस्मत में, यही थी उसकी अदा प्यार की।

तनहाइयां मुझे इनाम में दे दी, उसने उम्र भर को।
 मैंने भी गले से लगा उनको अपनी उम्र गुजार दी।

गम की दुनिया को ही अपना बना हम हर पल गुजारने लगे।
उसी गम से हमने अपनी किस्मत सँवार ली।

किस्मत में गम था तो गम को ही खजाना बना लिया।
 गम के लफ़्ज़ों से ही हमने अपनी जागीर तैयार की।

अब हर कोई देखता है मेरी तरफ कि कैसे गुजारें हम।
 जिस तरह हंस के हमने जिंदगी गुजार दी।
663 11.51am 30Aug 2018

Jisne Gam Diya, Uske Gham Mein Zindagi Has Ke gujar Di.
Yahi Tha Shayad Meri Kismat Mein ,Yahi thi uski Ada Pyar Ki.

 Tanhaiyan Mujhe inaam Mein De di ,usne Umar Bhar ko.
Main bhi Gale Se Laga Unko, apni Umar Guzar Di.

Gham Ki Duniya Ko Hi Apna Bana Hum Har Pal guzarne Lage.
Usi Gham Se Humne apni Kismat Sawar li.

Kismat Mein Gum tha toh hum Gham ka hi Khazana Bana liya.
Gam ke lafzo se hai apni Jagir Tyaar Ki.

Ab Har Koi dekhta Hai Meri Taraf ki Kaise Guzaren Hum.
Jis Tareh Has Ke Humne Zindagi Guzar Di.

Wednesday, 29 August 2018

662 खुशी (Khushi)

खुशी ,हां मैंने तुझे ढूंढ लिया।
खुशी, हां मैंने तुझे पा लिया।
तू चाहे घूमती थी इधर-उधर।
 मैंने तुझे अपना बना लिया।

साथ मैंने तेरा पा लिया।
मैंने तुझे अपना लिया।
तू चाहे घूमती थी इधर-उधर।
 मैंने तुझे अपना बना लिया।

रंग तेरे बहुत देखे।
चेहरे तेरे देखे बहुत।
तू छुपी थी चाहे जिधर।
 मैंने तुझे ढूंढ लिया।

अब ना जाने दूंगा तुझे।
अपना बना के रखूंगा तुझे।
खुद को ,खुशी का घर बना लिया।
 इस में तुझे बसा दिया।
5.22pm  29 Aug 2018


Khushi Haan Maine Tujhe DhoondLiya.
Khushi Haan, Main Tujhe Paa Liya.
Tu Chahe ghumti Thi idhar  Udhar.
Maine Tujhe Apna Bana liya.

Saath Main Tera Paa Liya.
 Maine Tujhe Apna liya.
Tu Chahe GumtiThi Idhar Udhar.
Maine Tujhe Apna Bana liya.

Rang Tere bahut Dekhe.
Chehre Tere Dekhe bahut.
Tu Chhupi thi chahey Jidhar.
 Maine Tujhe Dhoond liya.

Ab Na Jaane Dunga Tujhe.
Apna Bana Ke rakhunga Tujhe.
 Khud Ko, Khushi Ka Ghar Bana liya.
Isme Tujhe Basa Diya.

Tuesday, 28 August 2018

661 भारत और संविधान (Bharat Or Sanvidhaan)

बैठे हैं आज हम मुल्क को फिर दो हिस्सों में बांटने को,
 धर्म की यह दीवार हम गिरा क्यों नहीं देते।

धर्म को रखो तुम अपने पास ,अपने लिए,
भेदभाव धर्म के नाम पर मिटा क्यों नहीं देते।

 है तो हम भारतीय ही, संविधान हमारा धर्म है।
इसकी रक्षा और उन्नति को, खुद को मिटा क्यों नहीं देते।

 इंसान बनकर रहने में क्या बुराई है आखिर।
खुद को पहले इंसान, बना क्यों नहीं लेते।

 बदल लेते हैं खुदको ,फायदे के लिए पल भर में।
क्या सही है क्या गलत ,हम तब खुद को मना क्यों नहीं लेते।

 धर्म सबका सिखाता है एक ही पाठ," प्यार से रहो"।
फिर सबको ,प्यार का पाठ सिखा क्यों नहीं देते।

 रखो धर्म को अपने अंदर संजो के ,खुद को उन्नत करने को।
देश को संविधान पर चलने क्यों नहीं देते।

 जब सब हम भारतीय हैं ,और भारत हमारी माता है।
फिर क्यों लूटते हैं इसकी इज्जत, खुद को इसपर लुटा क्यों नहीं देते।
 4.20pm 28Aug 2018

Baithe Hain Aaj Hum Mulk ko phir Do Hison Mein Baatne ko.
Dharam ki yeh Deewaar Hum Gira kyun nahi dete.

Dharam ko Rakho tum apne Paas ,apne liye,
Bhed bhav Dharam Ke Naam Par, Mita kyun nahi dete.

Hein to hum Bhartiya, Samvidhan Hamara Dharam hai.
 Iski Raksha aur Unnti ko, Khud Ko Mita kyun nahi dete.

Insaan Ban Kar Rehne Mein Kya Burai Hai Aakhir,
 Khud Ko Pehle Insaan Bana kyun nahi lete.

Badal lete Hain Khud Ko, fayde ke liye Pal Bhar Mein.
Kya sahi hai kya galat ,tab Hum Khud Ko Mana kyun nahi lete.

Dharam sabka sikhata Hai Ek Hi Baat, "Pyar Se Raho".
 Phir Sabko pyar ka path Shikha kyun nahi dete.

Rakho Dharam ko Apne andar Sanjo ke ,Khud Ko Unnat karne ko.
Desh ko savidhan par chalne kyun nahi dete.

Jab Sab Hum Bhartiye hain ,aur Bharat Hamari Mata hai.
Phir Kyun Lut-te Hain Iss Ki Izzat, hum khud ko Luta kyun nahi dete. 

Monday, 27 August 2018

660 हम आगे बढ़ेंगे (Hum Aage badhenge)

बढ़ा ही लिया है जो कदम, हम पीछे ना हटेंगे।
हम आगे बढ़ेंगे, और बढ़ते ही रहेंगे।

सहेंगे हर कष्ट को, जो आएगा सामने।
 पर हम ,आगे बढ़ने से ना हटेंगे।
मुश्किलों से जीत के ही आएगी मंजिल सामने।
जो भी हों मुश्किलें ,सामना हम डट के करेंगे।
एक के बाद एक रुकावटों को अपनी, मात हम देंगे।
 सब तोड़ रुकावटों को ,हम आगे ही बढ़ेंगे।

मकसद जब साफ है हमारी आंखों के सामने।
 फिर चाहे हो अंधेरा ,नजर मकसद पर ही रखेंगे।
ओझल ना होने देंगे मंजिल को अपनी हम।
हमेशा ही उसको मन में और नजर में रखेंगे।
 दुश्मनों को भी होगा रंज ,पाला है किससे पड़ा।
जो भी आएगा सामने उसे नेस्तनाबूत करेंगे।

बढ़ा ही लिया है जो कदम, हम पीछे ना हटेंगे।
हम आगे बढ़ेंगे, और बढ़ते ही रहेंगे।

660 2.24pm 27Aug 2018
Bada hi Liya Hai Jo Kadam ,Hum Piche Na Hatenge.
Hum Aage badhenge, aur badhte Hi Rahenge.


 Sahenge Har kasht ko ,jo aayega Samne.
Par Hum aage badhne say na haten Gaye.
Mushkilon Se Jeet Ke Hi Aaegi Manzil Samne.
Jo Bhi Hon Mushkil, Samna Hum Dhat ke Karenge.
Ek ke baad Ek Rukavton ko apni Maat Hum Denge.
 Sab Tod rukawaton ko Hum, Aage Hi badenge.

Maqsad Jab Saaf Hai, Hamari Aankhon Ke Samne.
 Phir Chahe Ho Andhera Nazar Maqsad pe Rakhenge.
Ozhal na hone denge manzil ko apni Hum.
 Hamesha hi usko man mein aur Nazar Mein Rakhenge.
Dushmano Ko Bhi Hoga Ranz parla Hai Kis se Pada.
 Jo bhi aayega Samne usse Nestnaboot Karenge.

Bada hi Liya Hai Jo Kadam ,Hum Piche Na Hatenge.
Hum Aage badhenge, aur badhte Hi Rahenge.

Sunday, 26 August 2018

659 बंधन प्यार का(Bandhan Pyaar Ka)

इंतजार में बैठे हैं तेरे, नजरें बिछाए।
के तू आए, और मुझसे राखी बंधाए।
बीते दिनों और प्यार की बातें करें हम।
पता भी ना चले, और वक्त बीत जाए।

कुछ बचपन के धागे खोलें,
कुछ नये प्यार के धागे बांधे।
चलता रहे यूं ही सिलसिला,
पता भी ना चले ,और वक्त बीत जाए।

 बंधन है यह कैसा प्यार का।
जो समय के साथ बढ़ता ही जाए।
 आंख मिचोली करती रहे चाहे जिंदगी।
 पर अपना रंग ,ये गाड़ा ही करता जाए।
659 26 Aug 2018

Intezaar Main Baithe hai tere Nazre Bichaaye.
 Ke Tu Aaye ,Aur Mujhse Rakhi bandhaae.
Beete Dinon Aur Pyar Ki Baatein Karen Hum.
Pata Bhi Na Chale, or Waqt Beet Jaye.

 Kuch bachpan ke Dhaage kholen.
Kuch naye Pyar Ke Dhaage banden.
Chalta Rahe Yunhi Silsila.
Pata Bhi Na Chale,  or Waqt beet Jaye.

Bandhan Hai Ye Kaisa, Pyar Ka.
 Jo smay  ke saath Badta hi Jae.
Aankh Micholi Karti Rahe Chahe Zindagi.
Par apna rang ,Ye Gada hi karta Jae.

Saturday, 25 August 2018

Q658 राखी (रक्षाबंधन)

राखी है, मंगल प्रीत का त्योहार।
बांधता भाई बहन को, संग धागों के प्यार।

कितनी भी दूर सही वह एक दूसरे से।
रक्षाबंधन ले आता है उनको पास।

प्यार का बीज पनप ही जाता है इस दिन।
चाहे शिकवे गिले होते रहे हो लाखों बार।

दिया वचन जो बहन को, रक्षा करूंगा।
फिर क्या इस दिन, मिलने भी न आयेगा एक बार।

लड़ के झगड़ के, कैसे भी ,बडे़ हुए हम।
दुख आने पर साथ दोगे तुम, यह है ऐतबार।

राखी है, मंगल प्रीत का त्योहार।
बांधता भाई बहन को, संग धागों के प्यार।
:: संगीता शर्मा कुंद्रा
1.26pm 25 Aug 2018.
Presented at Inderprath literature Festival kavya Goshti .02 Aug 2020.

Friday, 24 August 2018

657 बरसात (Barsaat)

बरसात ने देखो सब स्वच्छ कर दिया है।
एक पल में धरती का हर कोना खिला है।

यूँ तो भागे बरखा देख, लोग इधर उधर।
पर बारिश की बूंदों से सबका मन खिला है।

मौसम ने भी  करवट ली है ,यूँ देखो।
गर्मी से मिली राहत, ठंडक का आनंद मिला है।

गर्मी से, दिमाग भी हो गया था कुछ गरम।
ठंडक मिली मन को, तो दूर हुआ शिकवा गिला है।
12.51pm 23 Aug 2018
Barsaat Ne Dekho Savchh kar diya hai.
Ek Pal Mein Dharti Ka Har Kona Khila hai.

Yun Tuo Bhage barkha Dekh Log Idhar Udhar.
Par Barish Ki Bundon Se Sab Mann khila hai.

Mausome Ne Bhi karvat lee hai yun Dekho.
Garmi Se Mili Raahat, thundak ka Anand mila hai.

Garmi Se dimag bhi ho gaye the kuch garam.
Thandak milli mann Ko tou, Dur Hua Shikwa Gila Hai.

Thursday, 23 August 2018

656 जिंदगी की किताब "नया कुछ कर और पन्ने भर"("Zindagi Ki Kitaab"Naya Kuch Kar aur Panne Bhar"

मायूस ना हो जो जिंदगी का एक पन्ना फट गया,
 नया कुछ कर और पन्ने भर।

क्यों गम खाता है जो अजी़ज़ तुझसे बिछड़ गया,
 रिश्ते नये बना और पन्ने भर।

जितना तू बढ़ेगा और रिश्ते नये बनाएगा,
 उतना ही पन्ना भरता जाएगा।

जिंदगी की किताब यूं ही नए रिश्तों से बड़ी होगी,
कहानी लिख और पन्ने  भर।

जिंदगी नायाब है ,देख इसको नयी नज़र से,
 एहसास कर और  पन्ने भर।

 नया आगाज कर, नया पाठ बना, सूची भर,
विवरण लिख और पन्ने भर।

मायूस ना हो जो जिंदगी का एक पन्ना फट गया,
 नया कुछ कर और पन्ने भर।
3.42pm 21 Aug 2018

Maayus Na Ho Zindagi Ka Ek Panna phat Gaya.
Naya Kuch Kar aur Panne Bhar.

Kyun Gham khata hai jo Aziz Tujhse Bichad Gaya.
 Rishte naye Bana aur Panne Bhar.

Jitna to Badega aur Rishte naye Banaega.
Utna Hi Panna Bharta Jayega.

 Zindagi Ki Kitaab Yuhi Naye Rishton se badi hogi.
Kahani nayi likh aur Panne Bhar.

 Zindagi Nayab hai, Dekh Isko nayi Nazar Se.
Ehsaas kar aur panne Bhar.

Naya Aagaaz ka,r Naya path Bna, Suchi Bhar.
 Vivran likh Or Panne Bhar.

Maayus Na Ho Zindagi Ka Ek Panna phat Gaya.
Naya Kuch Kar aur Panne Bhar.

Wednesday, 22 August 2018

655 जुदाई (Judai)

तेरी जुदाई का गम, मैं ना करूंगा।
 याद जब भी करूंगा, हँस के करूंगा।

ऐसा नहीं कि, भूल जाऊंगा मैं तुझको।
पर तेरी जुदाई का शिकवा मैं ना करूंगा।

दूर बनके एक तारा, मुझे तू देखना।
 रात को आकर तुझसे, मैं बातें करूंगा।

तू भी समझना हाल मेरे दिल का।
मैं  दिल की सब बातें ,जब तुझसे कहूंगा।

दुनिया के साथ में जीता रहूंगा।
 नहीं जानता तेरे बिना मैं कैसे चलूंगा।

हां ,तेरा साथ हरदम रहेगा मेरे संग।
तेरे एहसास को मैं खुद से जुदा ना करूंगा।

तेरी जुदाई का गम, मैं ना करूंगा।
 याद जब भी करूंगा, हँस के करूंगा।
11.25am 21Aug 2018
Teri Judai Ka Gham Mein Na karunga.
 Yaad Jab Bhi Karunga, Hans ke karunga.

Aisa nahi Ki Bhool Jaunga Main Tujhko.
Par Teri Judai Ka Shikwa ,Main Na karunga.

Dur Banke ek tara, Mujhe Tu dekhna.
Raat ko Aake tujh se main baatein karunga.

Tu Bhi samajhna Haal Mere Dil Ka.
Main Dil Ki Sab Baatein ,Jab Tujhse kahunga.

Duniya Ke Saath Mein Jeeta rahunga.
 Nahi Janta Tere Bina Main Kaise chalunga.

Tera Saath har dam Rahega Mere Sang.
 Tere Ehsaas Ko Main Khud Se Juda Na karunga.
Teri Judai Ka Gham Mein Na karunga.
 Yaad Jab Bhi Karunga, Hans ke karunga.

Tuesday, 21 August 2018

654 मंजिल दूर नहीं (Manzil Dur Nahi)

हौसले अपने ,तू कभी कम ना करना।
 आगे ही बढ़ना, राहों से ना डरना।
आ जाएगी मंजिल पास तेरे एक दिन।
 मंजिल से पहले, कभी ना तू रुकना।

बढ़ते ही जाना ,आगे ही आगे।
मंजिल तेरी जो है ,वह दूर नहीं।
थोड़ी सी प्यास पे जो तू रुक गया।
रह जाए ना ,पाने से तू ,मंजिल का झरना।

जो तू पा गया मंजिल को अपनी।
सब खड़े होंगे स्वागत को तेरे।
 यही वह लोग हैं जो करेंगे।
मंजिल न पाने पे ,गलतियों से तुलना।

तू बढ़ बस आगे ,न रुकना कहीं।
 मंजिल तो तेरी खड़ी है वहीं।
पा ले उसे तू ,हौसलों से अपने।
 रह जाएगा बनके सपना ये वर्ना।

हौसले अपने ,तू कभी कम ना करना।
 आगे ही बढ़ना, राहों से ना डरना।
आ जाएगी मंजिल पास तेरे एक दिन।
 मंजिल से पहले, कभी ना तू रुकना।
10.01am 21 Aug 2018

Hosle Apne Tu Kabhi Kam Na Karna.
Aage Hi Badna ,Rahon Se Na Darna.
Aa Jayegi Manzil Paas Tere Ek Din.
 Manzil Se Pehle Kabhi Na Tu Rukna.

Badtay Hi Jaana, Aage hi aage.
Manzil Teri jo hau, wo Dur nahi.
 Thodi Si Pyas Pe Jo tu ruk gaya .
Reh Jaye na ,Pane Se, Tu Manzil ka Jharna.

Jo Tu paa gaya manzil ko apni.
Sab Khde Honge Swagat Ko Tere.
 Yahi wo log Hain Jo Karenge,
Manzil na Pane pe Galtion se tulna.

Tu Bad bas Aage, na rukna kahin.
Manzil Toh Teri Khadhi Hai Wahin.
Paa le  Use tu Hoslin Se apne.
Reh Jayega Banke Sapna yeah Varna.

Hosle Apne Tu Kabhi Kam Na Karna.
Aage Hi Badna ,Rahon Se Na Darna.
Aa Jayegi Manzil Paas Tere Ek Din.
 Manzil Se Pehle Kabhi Na Tu Rukna.

Monday, 20 August 2018

653 खुशियों के पल (Khushiyon ke Pal)

आओ गुजारें कुछ पल हंसी और खुशी के,
 जीवन में रंग भर के ,कर दे उसे रंगीन।

खुशियों के पलों को पिरो बनाएं जिंदगी,
निकाल दे वो पल ,जो करें इसे गमगीन।

बनाएं खुशियों के सतरंगी रंगों का इंद्रधनुष,
 चाहे वो फिर आसमान चाहे हो जमीन।

कर्मभूमि की तख्ती पर आज हम,
और भरें कर्म के कुछ पाठ हसीन।

आए हैं दुनिया में ,कर ले कुछ काम,
 अंत में तो होना है, हमें यही विलीन

आओ गुजारें कुछ पल हंसी और खुशी के,
 जीवन में रंग भर के ,कर दे उसे रंगीन।
653 3.52pm 20 Aug 2018
Aao Guzaarein kuch Pal Hasi aur Khushi Ke,
 Jeevan Mein Rang Bhar Ke, kar Den iSe Rangeen.

Khushiyon ke Palon ko Piro banaye Zindagi,
Nikal Dein Vo pal jo karein Ise Ghamgeen.

Bnaey kushiyon ke Satrangi Rangon ka indradhanush,
Chahe Ho Phir Aasman ,Chahe Ho Zameen.

Karam Bhumi ki Takhti par Aaj Hum,
 Aur bhare Karam Ke kuch path Haseen.

Aae Hain Duniya Mein Karle kuch kaam,
Aant Mein Toh Hona hai hamein Yahin Vileen. 

Sunday, 19 August 2018

652 जिंदगी की कशमकश (Zindagi Ki Kashmakash)

जिंदगी की कशमकश।
कभी इस तरफ,
कभी उस तरफ।
मायूस सी जिंदगी,
हर तरफ।

कभी खुशी की,
कभी गम की,
बाजी जाती है पलट।
जिंदगी........हर तरफ।

एक पल हंसी का,
इक पल खुशी का,
पल मैं जाता है बदल।
जिंदगी.......हर तरफ।

कभी दौड़ते-दौड़ते,
रुक जाती है लय।
कभी रुका सुर,
बन जाता ग़ज़ल।
जिंदगी.......हर तरफ।

कभी दूर होते रिश्ते,
 कभी कम होते फासले।
जिंदगी ऐसी ही है,
जो बदलती है पल पल।

जिंदगी की कशमकश।
कभी इस तरफ,
कभी उस तरफ।
मायूस सी जिंदगी,
हर तरफ।
कभी खुशी की,
कभी गम की,
बाजी जाती है पलट।
652 19 Aug 2018

Zindagi Ki Kashmakash.
 Kabhi is taraff.
Kabhi us Taraf.
 Mayus si Zindagi.
Har Taraf.
Zindgi....... Taraf.

 Kabhi Khushi ki.
Kabhi Gham Ki.
Baazi Jati Hai Palat.
Zindagi Ki ......taraf

Ek Pal Hansi ka.
Ek Pal Khushi Ka.
Pal Mein Jata Hai Badal
Zindagi Ki ........Har Taraf.

 Kabhi dodte dodte.
Ruk Jaati Hai laye.
Kabi ruka sur.
 Ban Jata Hai ghazal.
Zindagi ki....... taraf

 Kabhi Dur Hote Rishte.
Kabhi Kam Hote faasle.
Zindagi Aisi hi hai.
Jo badalti hai Pal Pal.
Zindagi ki..... taraf

Saturday, 18 August 2018

651 मौत है अटल (Maut Hai Atal)

जिंदगी का सफर तो है चलता हुआ।
 मौत का ठिकाना है अटल।
जिंदगी के रास्ते बदलते हैं कितने,
मौत का रास्ता नहीं सकता बदल।

जिंदगी के उतार चढ़ाव,
 बना देती है कभी गीत कभी ग़ज़ल।
सफर चलता रहता है जिंदगी का,
फिर भी रहता है मौत का खौफ हर पल।

भूल जा मौत को वह तो आ ही जाएगी,
क्योंकि मौत तो है अटल।
जिंदगी के सफर को तुझे ही पूरा करना है,
 इसलिए इस सफर में तू चला चल ,चला चल।
3.08pm 18 Aug 18

Zindagi Ka Safar toh hai chalta hua.
Maut Ka Thikana Hai Atal.
Zindagi Ke Raste Badalte Hain kitne,
 Maut Ka Rasta nahi sakta Badal.

Zindagi Ke Utaar Chadav,
 Bana Deti Hai Kabhi geet Kabhi ghazal.
Safar chalta Rehta Hai Zindagi Ka.
 Phir Bhi rehta hai Maut ka khauf Har Pal.

Bhool Ja Maut Ko,Vo to Hi Jayegi.
Kyon Ki Maut Tu Hai Atal.
 Zindagi ke safar ko Tujhe Hi pura karna hai.
Isliye is Safar Mein Tu ,Chala Chal ,Chala Chal.

Friday, 17 August 2018

650 अटल इरादे (Atal Iraade)

जिनके इरादे हों अटल।
वह अटल ही रहते हैं।

 लगन हो जिनमें कुछ करने की।
वह सफल ही रहते हैं।
जो जानते हैं ,सच और झूठ का फर्क।
वह निश्छल ही रहते हैं।
जिनके इरादे होंं अटल।
वह अटल ही रहते हैं।

 जिनमें हो देश प्रेम का बीज।
वह निश्चल ही रहते हैं।
 जो मर मिटते हैं देश के लिए।
 वह अमर ही रहते हैं।
जिनके इरादे हों अटल।
वह अटल ही रहते हैं।

 आओ सीखो,
जो कर्म भूमि पर काम करते हैं।
 वह अविचल ही रहते हैं।
उनका ही देश सम्मान करता है।
 वो उज्जवल ही रहते हैं।
जिनके इरादे हों अटल।
वह अटल ही रहते हैं।
650 10.10am 17Aug 2018 Friday
Jinke Irade hon Atal .
 Vo Atal hi Rehte Hain.

Lagan Ho Jin mein kuch karne ki.
Vo Safal Hi Rehte Hain.
Jo Jante Hain Sach aur Jhoot ka Fark.
Vo nishchhal hi Rehte Hain.
Jinke irade......
Vo Atal............

Jinmein Ho desh Prem Ka beej.
Vo nishchal Hi Rehte Hain.
Jo Mar Mit te Hain Desh Ke Liye.
Vo amar hi Rehte Hain.
Jinke Irade.....
Vo Atal...........
Aao Seikho.
Jo Karam Bhumi par kaam karte hain.
 Woh avichal hi Rehte Hain.
Unka Hi Desh Sammaan karta hai.
Vo Ujjwal hi Rehte Hain.
Jinke Irade.....
Vo Atal...........

Thursday, 16 August 2018

649 जिंदगी की किताब (Zindagi Ki Kitab )

क्यों हम बीती बातों को भूल नहीं पाते।
क्यों हमसे नए पन्ने खोले नहीं जाते।

क्यों "उलझन" जिंदगी की किताब का नाम रख छोड़ा है।
 क्यों नहीं समझ पाते जिंदगी ने जो वक्त दिया बहुत थोड़ा है।
क्यों अगाज़ से पहले अंजाम पर मिटे है जाते।
क्यों जिंदगी की किताब को "खुशी" का नाम दे नहीं पाते।

चारों तरफ से डोर खींच रखी है अपनी कहानी की।
क्यों खोली नहीं तुमने किताब अपनी कहानी  की।
क्यों रिश्तो की डोर तुम जोड़ नहीं पाते।
क्यों सब आस-पास वाले तुम्हारे हो नहीं पाते।

बना ले जिंदगी की कहानी कुछ इतनी रंगीन।
कि हर दिन लगे सुहाना ,और रात हसीन।
फिर कहोगे काश जिंदगी के दिन कुछ और बढ़ जाते।
 हर लम्हा हर पल जिंदगी का यूं ही हम बिताते।
 16 Aug 2018

Kyun Hum Beeti Baaton ko bhool Nahi Pate.
 Kyon Humse nae Panne khole nahi Jate.

Kyon "Ulzhan" Zindagi Ki Kitaab Ka Naam Rakh Choda Hai.
Kyun nahi samajh Pate Zindagi Mein Jo Vakt Diya wo Thoda Hai.
Kyu aagaz se pehle Anjaam Pe Mite Hain Jaate
Kyun Zindagi Ki Kitab ko" Khushi" Naam Dey Nahi Pate.

Charo Taraf Se Dor Kheench rakhi Hai apni kahani ki.
Kyon Kholi nahi Tumne Kitab apni kahani ki.
Kyon Rishton Ki Dor Tum Jod Nahi Pate.
Kyon Sab Aass pass wale Tumhare Ho Nahi Pate.

Banale Zindagi Ki Kahani kuch Itni Rangeen.
Ki har din lage Suhana, Aur Raat Haseen.
 Phir Kahoge Ki kash Zindagi Ke Din kuch aur bad jate.
Har Lamha Har Pal Zindagi Ka Yun Hi Hum bitate.

Wednesday, 15 August 2018

648 मेरा भारत देश महान(Mera Bharat Desh Mahan.)

मेरा भारत देश महान।
यारो मेरा देश है महान।

देश का नाम करेंगे रोशन।
हम है यारो देश की शान।
मेरा भारत देश महान।
यारो मेरा देश है महान।

चलो देश को आगे ले लाएं।
और इसको सम्मान दिलाएं ।
मेरा भारत देश महान।
यारो मेरा देश है महान।

हम हैं देश को आगे लाने वाले।
हम हैं देश के वीर जवान।
मेरा भारत देश महान।
यारो मेरा देश है महान।

नहीं झुकेंगे नहीं डरेंगे।
कर देंगे हम सब  कुर्बान।
मेरा भारत देश महान।
यारो मेरा देश है महान।

आगे लेकर जाएं देश को।
जब तक जान में है जान।
मेरा भारत देश महान।
यारो मेरा देश है महान।

देश का नाम करेंगे रोशन।
हम है यारो देश की शान।
हम ही देश को आगे ले जाएं।
और दिलाएं इसको सम्मान।

मेरा भारत देश महान।
यारो मेरा देश है महान।
648  15 Aug 2018

Mera Bharat Desh Mahan.
 Yaro Mera Desh Hai Mahan.

Desh Ka Naam Karenge Roshan.
Hum Hain Yaro Desh Ki Shaan.
Mera Bharat Desh Mahan.
 Yaro Mera Desh Hai Mahan.

Hum Hi desh ko Aage le jayen.
 Aur dilaen isko Samman.
Mera Bharat Desh Mahan.
 Yaro Mera Desh Hai Mahan.

Hum Hain desh ko Aage laane wale.
Hum Hain Desh Ke Veer Jawan.
Mera Bharat Desh Mahan.
 Yaro Mera Desh Hai Mahan.

Nahi zhukeinge ,nahi Drenge.
 Kar denge Hum Sab Kurbaan.
Mera Bharat Desh Mahan.
 Yaro Mera Desh Hai Mahan.

Aage Lekar Jayenge desh ko.
 Jab tak Jaan Mein Hai Jaan.
Mera Bharat Desh Mahan.
 Yaro Mera Desh Hai Mahan.

Desh Ka Naam Karenge Roshan.
Hum Hain Yaro Desh Ki Shaan.
Mera Bharat Desh Mahan.
 Yaro Mera Desh Hai Mahan.

Tuesday, 14 August 2018

647 हर बार वो तो नहीं होगा जो तुम चाहोगे(Har Baar Vo To nahi hoga, jo Tum Chaho Ge.)

हर बार वो तो नहीं होगा जो तुम चाहोगे।
 कभी कभी हमारी भी बात सुनी जाएगी।
हर वक्त हमेशा एक सा नहीं होगा।
 रंग ,हर पल बदलता है दुनिया का।

हर बार वो तो नहीं होगा जो तुम चाहोगे।
 कभी मौसम ऐसे भी बदलते हैं।
कभी हरा भरा सूख जाता है, और।
कभी सूखी नदियों में तूफान आ जाते हैं।

हर बार वो तो नहीं होगा जो तुम चाहोगे।
 दोस्तों के साथ बैठे हो तो,
कुछ अपनी कहो ,कुछ हमारी सुनो।
हर बार खुद का ख्याल अच्छा नहीं।
647 14Aug 2018

Har Baar Vo To nahi hoga, jo Tum Chaho Ge.
Kabhi kabhi Hamari bhi baat Suni Jayegi.
Har Waqt Hamesha Ek sa nahi hoga.
 Rang to Harpal Badalte Hain Duniya Ke.

Har baar wo to nahi hoga jo Tum Chaho Ge.
 Kabhi Kabhi Mausam Aise Bhi Badalte Hain.
Kabhi Hara Bhara Sookh jata ha,i aur.
Kabhi Sukhi Nadiyon Mein Toofan Aane Lagte Hain.
Har Baar woh toh nahi hoga jo Tum Chaho Ge.
Doston ke sath baithe ho toh ,
Kuch apni Kaho, Kuchh Hamari suno.
Har Baar Khud Ka Khayal acha nahi.

Monday, 13 August 2018

646 तेरा साथ (Tera Sath)

साथ तेरा पाके मैं हरदम चलता रहूंगा।
जहां तक हो ,गिर के संभलता रहूंगा।

रास्ते पार हो जाएंगे चलते चलते।
तेरा साथ पाकर मैं बढ़ता रहूंगा।
मुश्किलें भी दूर हो जाएंगी राह की।
साथ तेरा जो लेकर में चलता रहूंगा।

कितनी है  ताकत मुश्किलों में।
 मुझे बढ़ने से रोकेंगी कैसे।
साथ तू जो है, तो हर मुश्किल आसान।
 साथ  तेरा पाके में चलता रहूंगा।

तू ही मेरी ताकत है।
 तू ही मेरा है करार ।
साथ तेरे मेरी जिंदगी में बहार ।
साथ तेरा पाके मैं फलता रहूंगा।
13Aug 2018
Saath Tera Pa ke mein hardam chalta rahunga.
Jahan tak Ho,gir ke sambhalta rahunga.

Raste paar Ho Jayenge Chalte Chalte.
 Tera Sath Parker Mein badhta rahunga.
Mushkilein bhi Dur ho jayenge Rah ki.
Sath Tera Jo Lekar mein chalta rahunga.

Kitni hai takat mushkilon mein.
 Mujhe badnne Se rokeingi Kaise.
Saath Tu Jo Hai Toh Har Mushkil Aasan.
Sath Tera pake mein chalta rahunga.

Tu Hi Meri takat Hai ,
Tu Hi Mera Hai Karar,
 Saath Tere Meri Zindagi Mein Bahar.
Saath Tera Pa ke mein Phalta Rahoon ga.

Sunday, 12 August 2018

645 आईना (Aaina )

आईना रख ,मैं क्यों बुरा सोचूँ,
जो सोचूँगा वही तो दिखेगा।
चेहरा ही दिल की बात बताता है,
चेहरे पर क्यों ना मैं मुस्कुराहट रखूँ।
आईने से बात की मैंने दिल की,
 आईना ही सही जवाब देता है।
आईने में देखा तो अपनापन लगा,
क्यों ना इसे ही अपना दोस्त बना लूँ।
आईना है बिल्कुल मेरे जैसा,
मेरे ख्यालों से पूरा सहमत।
 फिर क्यों ना इसे दिल की हर बात कहूँ,
और इसे हमेशा अपने पास रखूँ।
645 13 Aug 2018

Aaina rakh,mein Kyun Bura Sochun.
Jo sochunga wahi to dikhega.

Chehra Dil Ki Baat batata hai.
 Chehere Par Kyun Na Main Muskurahat rakhun.

Aaine se baat ki main Dil Ki.
 Aaina Hi sahi jawab deta hai.

Aaine mey Dekha To Apnapan Laga.
Kyun na ise Hi Apna dost Bana Lun.

Aaina Hai bilkul mere jaisa.
 Mere Khayalon Se pura sehmat.

Phir Kyun na ise Dil Ki Har baat Kahun.
Or  ise Hamesha Apne Paas rakhun. 

Saturday, 11 August 2018

644 मंजिल की दौड़(Manzil ki Daud)

भागे जा रहे हैं नया कुछ करने के लिए
 मंजिल है के पास आती नहीं।
दौड़ रहा हूं छूने को मंजिल अपनी।
 मंजिल है की नजर आती नहीं।

कुछ पल रुक, ठहर, देख जरा।
क्यों मंजिल तुझसे  सुहाती नहीं।
कुछ तो अलग करना होगा तुझे।
 जो मंजिल तुझे लुभाती नहीं।

शांत होकर जो देखेगा।
 की रोशनी आती है कहीं।
रास्ता खुद ब खुद मिल जाएगा।
 मंजिल आएगी वही।
7.58 am 12Aug 2018


Bhage ja rahe hain naya kuch karne ke liye,
Manzil Hai ke paas Aati Nahi.
 Daud Raha Hoon choone ko Manzil apni,
Manzil Hai Ki Nazar Aati Nahi.

Kuch Pal ruk Kar ,Dekh Zara.
Kyon Manzil Tujhse suhati nahi.
Kuch Toh alag karna hoga Tujhe.
 Jo manjil Tujhe lubhaati Nahi.

Shant hokar Jo Dekhe ga.
Ki Roshni Aati Hai Kahin.
Rasta khud b Khud Mil Jayega .
Manzil Aayegi wahin. 

Friday, 10 August 2018

K1 643 तीजां (Teejan) Teej Festival of PanjabI ਤੀਜਾਂ

तीज मनाई कुड़िया ने ।
वाजां मारण सद सद के।
तीज मनाई कुड़िया ने।
कठिया होइयां सज धज के।
तीज मनाई कुड़ियाँ ने।
गिद्दे पाए  टप टप के।
तीज मनाई कुड़िया ने।
बोलियां पाइयाँ गज गज के।
तीज मनाई कुड़िया ने।
खावण खीर रज रज के।।
तीज मनाई कुड़िया ने।
नाचच्न गाउण सब तज के।
सौण दा महीना यारो ।
मींह वी बरसे दब दब के।
तीज मनाई कुड़ियाँ ने।
गिद्दे पाए  टप टप के।
तीज मनाई कुड़िया ने।
बोलियां पाइयाँ गज गज के।
तीज मनाई कुड़िया ने।
पींगां पाइयाँ रज रज के।
5,57pm 10Aug 2018
ਤੀਜ ਮਨਾਈ ਕੁੜੀਆਂ ਨੇ ।
ਵਾਜਾਂ ਮਾਰਨ ਸਦ ਸਦ ਕੇ ।
ਤੀਜ ਮਨਾਈ ਕੁੜੀਆਂ ਨੇ।
ਇਕੱਠੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਸੱਜ-ਧੱਜ ਕੇ ।
ਤੀਜ ਮਨਾਈ ਕੁੜੀਆਂ ਨੇ।
ਗਿੱਧੇ ਪਾਏ ਟਪ ਟਪ ਕੇ ।
ਤੀਜ ਮਨਾਈ ਕੁੜੀਆਂ ਨੇ ।
ਬੋਲੀਆਂ ਪਾਈਯਾਂ ਗੱਜ ਗੱਜ ਕੇ ।
ਤੀਜ ਮਨਾਈ ਕੁੜੀਆਂ ਨੇ ।
ਖਾਵਣ ਖੀਰ ਰੱਜ ਰੱਜ ਕੇ ।
ਤੀਜ ਮਨਾਈ ਕੁੜੀਆਂ ਨੇ ।
ਨੱਚਣ-ਗਉਣ ਸਭ ਤੱਜ ਕੇ।
 ਤੀਜ ਮਨਾਈ ਕੁੜੀਆਂ ਨੇ ।

ਸਾਉਣ ਦਾ ਮਹੀਨਾ ਯਾਰੋ ।
ਮੀਂਹ ਵੀ ਪਵੇ ਦੱਬ ਦੱਬ ਕੇ ।
ਤੀਜ ਮਨਾਈ ਕੁੜੀਆਂਂ ਨੇ ।
ਗਿੱਧੇ ਪਾਏ ਟੱਪ-ਟੱਪ ਕੇ ।
ਤੀਜ ਮਨਾਈ ਕੁੜੀਆਂ ਨੇ ।
ਬੋਲੀਆਂ ਪਾਈਆਂਂ ਗੱਜ ਗੱਜ ਕੇ ।
ਤੀਜ ਮਨਾਈ ਕੁੜੀਆਂ ਨੇ ।
ਪੀਂਘਾਂਂ ਪਾਈਆਂ ਰੱਜ ਰੱਜ ਕੇ।
Teej Manai Kudiya ne.
Vajan Marn Sad Sad ke.
 Teej Manai Kudiya ne.
Kathiyan hoiyan Saj Dhaj Ke.
Teej Manai Kudiya ne.
Gidde pae tap tap ke.
Teej Manai Kudiya ne.
Boliyan paiyan Gaj Gaj ke.
 Teej Manai Kudiya ne.
Khawan Kheer Raj Raj Ke.
Teej Manai Kudiya ne.
Nachan gaawn Sab taj Ke.
Soun Da Mahina Yaro.
Mih vi barse  dub dub ke.
Teej Manai Kudiya ne.
Gidde Pae Tup Tup key.
Teej Manai Kudiya ne.
Boliyan paiyan Gaj Gaj Ke.

(English Meaning)
Girls and ladies(Females) celebrated Teej(Festival)

Calling each other loudly. 
Girls celebrated Teej. 
 They gathered wearing beautiful attires. 
The girls celebrated Teej.
They are dancing together (Doing Gidda, punjabi dance of girls) .
The girls celebrated Teej. 
Sing song(boliyaan)loudly.
The girls celebrated Teej. 
Eating dish( Kheer) ,
The girls celebrated Teej
Dancing and singing at the fullest. It is the month of (Savan) Its raining at fullest. The girls celebrated Teej. Dancing (Gidda) and celebrating.
The girls celebrated Teej
Sing loudly and enjoy

Thursday, 9 August 2018

642 अब क्यों ढूंढते हो(Ab Kyon Dhoondte Ho)

वह  आए जो हमसे मिलने ,तो मैं ना वहां  था।
बरसों जब हमने किया इंतजार तो वो कहां था।

हम तड़पते रहे , प्यार में , उनके इंतजार में।
तब तो वह आए नहीं ,जब प्यार जवां था।

आज वह क्यो ढूंढ रहे हैं हमें दर ब दर।
गए थे वो कहां ,जब वो मेरा सारा जहां था।

आज जब बढ़ गए हैं हम कामयाबियों की ओर,
वह मेरे हैं मेरे हैं सनम ,अब यह उनका ब्यां था।

आज  कामयाब हूं जिंदगी में अपनी तो सब सुन रहे हैं,
नहीं तो गिड़गिड़ाता था ,तब भी कोई सुनता कहां था।

आज वह क्यो ढूंढ रहे हैं हमें दर ब दर।
गए थे वो कहां ,जब वो मेरा सारा जहां था।
642 4.37pm 9 Aug 2018

Veh Aae Jo Humse Milne, to main naa Vahan tha.
Barson Jab Hum Ne Kiya Intezar, To Vo Kahan Tha.

Hum tadpte Rhe pyar mein ,Un Ke Intezar Mein.
Tab To Vo Aae Nahi ,Jab pyar Jwan tha.

Aaj jab Badh Gae Hain   Hum kamyabion ki aur.
Eh mere hein,Mere,Sanam ,Ab Ye UnKa Bayan tha.

 Aaj Kamyab Hoon Zindagi Mein Apni ,To Sab sun rahe Hein.
Nahun to Gidgidaata tha ,tab Bhi, Koi Sunta Kaha Tha .

Aaj Veh Kyon Dhoond rahe hain Hame Dar b Dar .
Gaye The Woh kahan, Jab Wo Mera Sara Jahan Tha. 

Wednesday, 8 August 2018

641 बिछड़े यार मिले हैं (Bichde Yaar Mile Hein)

दोस्त जो मिले हैं तुम जैसे
 तभी तो जीवन सवंरा है।
कितना सूना था यारो के बिन,
 आज खिला जो मेरा अंगना है।
खुशी के फूल हर जगह खिल गए हैं।
मन हुआ आज जैसे भंवरा है।
देखो बिछड़े यार मिल गए हैं,
 हर तरफ बहार ही बहार है।
यारों से गले मिल के,
आया दिल को करार है।
641 8 Aug 2018

Dost jo mile hain tum jaise,
Tabhi To Jivan sangrah hai.
Kitna Soona tha yaaron  Ke Bin.
Aaj Khila Jo Mera Aangan Hai.
Khushi Ke Phool Har Jagah Khil gaye hain.
Mann Hua Aaj Jaise Bawra hai.
Dekho Bichde yaar mil gaye hain.
Har Taraf Bahar hi Bahar hai.
 Yaaron Se Gale Mil Ke.
Aaya Dil Ko Karar hai.

Tuesday, 7 August 2018

640 तू ही मेरा रब है (Tu Hi Mera Rab Hai)

आंखों में तेरी जो  मय है।
मेरी मदहोशी का वो सबब है।

यूं तो मैं रहता हूं अपने में ही गुम।
खो जाता हूं तुझ में,ख्याल आता तेरा जब है।

तुझे बनाया है खुदा ने इत्मीनान से।
 जब से देखा ,तुझे पाने की तलब है।

इश्क के हर इम्तिहान में दे दूंगा।
आता मुझे इसका हर इक हरफ़ है।

अब छोड़ दी मैंने बंदगी उस खुदा की।
 अब तू ही मेरा सब ,तू ही मेरा रब है।
 7Aug 2018 Tuesday

Aankhon Mein Teri Jo meiy hai.
Meri Madhoshi ka woh sabab hai.

Yun Tuo mein rehta hoon Apne Mein Hi Ghum.
 Kho Jata Hoon Tujh Mein, Khayal Aata Tera Jab Hai.

Tujhe Banaya Hai khuda ne bade itmenaan se.
Jab Se Dekha ,Tujhe paane ki Talab hai.

 Ishq ke har Imtihan mein de dunga.
Aata Mujhe iska har Ek Haraf hai.

 Ab Chod Di maine Bandagi us Khuda Ki.
Ab Tu hi Mera Sab, Tu Hi Mera Rab Hai.

Monday, 6 August 2018

639 सोच (Soch)

शाम होती है, तो कुछ सोचने लगता हूँ।
मन को अपने मैं ,खोलने लगता हूं।
गहरे समंदर में गोते खाते हुए,
एक एक मोती , टटोलने लगता हूं।
कितना खजाना छुपा है मेरे भीतर,
 यह खुद मैं नहीं जानता।
एक एक कर जब पीछे देखता हूं,
तो मोतियों को बटोरने लगता हूं।
यूं ही मेरा खजाना बनता जाता है,
यूँ ही मेरी जायदाद बनती है।
 एक एक मोती पिरोते  हुए ,
मेरी कायनात बनती है।
यूं ही मैं धीरे-धीरे अमीर बन गया।
यूं ही मेरी शब्दों की जागीर बन गई।
यूं ही रोज के ख्यालों को पिरोता गया,
 और मेरी तकदीर बन गई।
यूं ही जब शब्द जुड़े शब्दों से
तो यह तस्वीर बन गई।
इन्हीं शब्दों से मेरी तकदीर बन गई।
05.15 pm 5Aug 2018 Sunday

Shaam Hoti Hai To Kuch Sochane Lagta Hoon.
Man ko apne me Kholne lagta Hoon.
 Gehre Smandar mein Gote Khate huye.
Ek ek Moti totalne lagta Hoon..
Kitna Khazana Chupa Huahai mere Bhitar.
Yeh Khud Main Nahi Janta.
Ek ek Karke Piche dekhta hoon.
 Tuo Motiyon Ko Batorne lagta Hoon.

Yuhi Mera Khazana Banta Jata Hai.
Yun hi MeriJaaydad Banti hai.
Ek ek Moti Pirote huye.
Meri kaynat Banti hai.
Yuhi Mein Dheere Dheere Amir ban gaya.
Yun hi mere shabdon ki Jagir  ban gayi.
Yun hi roz ke Khayalon Ko Pirotaa gaya.
 Aur meri Taqdeer ban gayi.

Jab Shabad Jude shabdon se.
Tu Yeh Tasveer ban gayi.
Inhin shabdo Se Meri Taqdeer ban gayi.

Sunday, 5 August 2018

Z 638 उनसे जो की दिल की बात तो अच्छा लगा ( Unse jo ki Dil Ki Baat to accha laga)

9788189331894 53095 BookZindgi1

उनसे जो की दिल की बात तो अच्छा लगा।
निकला जो दिल का गुबार तो अच्छा लगा।

भारी था मन उनकी बेरुखी इस तरह देखकर।
कह डाला जब दिल का हाल तो अच्छा लगा।

यूं तो हम दिल ही दिल में लिए बैठे थे सारे गम।
आई जो दिल की बात बाहर, तो अच्छा लगा।

बह रहा था गम का सैलाब अंदर ही अंदर मेरे।
बहा बनके जो आंसुओं का सैलाब तो अच्छा लगा।

अब कोई शिकवा नहीं ,गिला नहीं ,उनके लिए ।
हो गया हर कोना दिल का अब साफ, तो अच्छा लगा।
638 5.06pm 5 Aug 2018 Sunday

Unse jo ki Dil Ki Baat to accha laga.
Nikla Jo Dil Ka Gubaar to accha laga.

Bhaari tha man ,Unki berukhi is Tarah Dekhkar.
Keh Dala Jab Dil Ka Haal, To accha laga.

You to Hum Dil Hi Dil Mein Liye beithe The sare Ghaam.
 Aai Jo Dil Ki Baat bahar, To accha laga.

Beh raha tha Gham ka Sailab andar hi andar Mere.
Baha Banke Jo Aansuon ka Sailab ,to accha laga.

Ab Koi Shikwa Nahi ,Gila nahi, Unke liye.
 Ho gaya Har Kona Dil Ka Jo Saaf, to accha laga.

Saturday, 4 August 2018

Z 637 जिंदगी फिर मुझे उसी मोड़ पर ले आती है (Zindgi Phir Mujhe Usi Mod pe Le Aati Hai)

9788189331894 53095 BookZindgi1

कशमकश में हूं जिंदगी की।
 कभी-कभी कैसे मोड पर ले आती है।
जद्दोजहद करता हुआ आगे बढ़ता हूं।
फिर लगता है उसी मोड़ पर हूं।

कोशिशें करता ही रहता हूं।
लगता तो है, कि आगे बढ़ती जाती है।
फिर देखता हूं,
जिंदगी उसी मोड़ पर ले आती है।

क्या है जिंदगी की धूप छांव,
समझ नहीं पाता हूं।
जैसे जैसे समझने की कोशिश करता हूं,
और उलझता जाता हूं।

धूप-छांव करती हुई ये जिंदगी।
रंग बदलती ये जिंदगी।
सुबह से चली हुई जिंदगी।
 फिर उसी सांझ में ले आती है।

कहता तो हूं जिंदगी से,
उठ कुछ नया कर।
पर यह फिर मुझे,
उसी मोड़ पर ले आती है।
637 4 Aug 2018 Saturday

 Kasahmkash Main Hoon Zindagi Ki.
 Kabhi Kabhi Keisei Mod Par le Aati Hai.
 Jaddojhed Karta Hua ,Aage badhta Hoon.
Dil Lagta Hai ,Usi Mod Par le Aati Hai.

 koshish Karta Hi Rehta Hoon.
Lagta To Hai Ke Aage badhti Jati Hai.
Phir dekhta hoon.
Zindagi Usi Mod Pe Le Aati Hai.

 Kya Hai Zindagi Ki Dhoop Cchanv.
 Samajh nahi pata Hoon.
Jaise jaise samajhne ki koshish Karta Hoon.
Arul Ulzhtaa Jata Hoon.

Dhoop  Chhanv Karti hui ye zindagi.
Rang Badalti  Ye Zindagi.
Subah Se Chali Ye Zindagi.
Phir Usi Saanzh Mei le Aati Hai.

Kehta tuo Hun Zindagi Se.
Uth Kuch naya kar.
Par Yeh Phir Mujhe,
Usi Mod pe Le Aati Hai.

Friday, 3 August 2018

636 कैसे बताऊँ कौन सी रचना है कितनी प्यारी (Kaise Bataun Konsi Rachna Hai Kitni Pyari)

कौन सी रचना है कितनी प्यारी, यह मुझसे क्या पूछते हो।
 मां से जो पूछो, कौन सा बालक तुमको कितना प्यारा, क्या वो उत्तर दे पाएगी।

मैं जब लिखता हूं अपनी रचना, खो जाता हूं उसमें मैं।
 कौन भली है, कौन बुरी, क्या उनकी तुलना मुझसे हो पाएगी।

 पता नहीं मैं किन भावों में खोया था ,जब वह शब्द बाहर आए।
क्या समय बदल जाने पर, उन भावों की तुलना हो पाएगी।

 तुम ही देखो, तुम ही सोचो  तुम ही जोड़ो अपने भावों को उनसे।
जब जोड़ोगे खुद को इनसे, तुमसे भी ना तुलना हो पाएगी।
636  3 Aug 2018 Friday

Konsi Rachna Hai Kitni Pyari, Yeh Mujhse kya Puchte Ho.
Maa se jo Pucho, Kaun Sa Balak Tumko Kitna Pyara ,kya vo Uttar de Paegi.

Main Jab likhta hun apni Rachna, Kho Jata Hoon usme main.
 Kaun Bhali Hai, Kaun Buri ,kya Unki tulna mujhse Ho payegi.

Pata nahi main kin Bhav Mein Khoya tha,Jab vo Shabd Bahar Aaye.
Kya Samay Badal Jane par ,Um Bhavon  Ki tulna Ho payegi.

Tum hi Dekho ,Tum Hi Socho, Tum Hi Socho apne bhavon ko Unse.
 Jab Jodoge Khud Ko In se, Tumse Bhi Na tulna Ho payegi.

Thursday, 2 August 2018

635 आवाज दे हसीन पलों को (Awaz De Haseen palon ko)

क्यों इंतजार की घड़ियां थी इतनी लंबी।
क्यों गुफ्तगु के पल इतने छोटे हो गए।
क्यों तकरार की घड़ियां थी इतनी लंबी।
क्यों प्यार के पल छोटे हो गए।

फ़लसफ़ा जिंदगी का क्यों है इतना उलझा।
कि सुलझाने में ही उदासीन हो गए।
खुशियां चाही थी मैंने जिंदगी से अपनी।
पर लोग राहों में ऐसे मिले, कि गमगीन हो गए।

 उठ, दे आवाज हसीन पलों को,
कि जिंदगी में बहार आ जाए।
कह सके हम भी जिंदगी से अपनी,
 कि साथ तेरे चल के ,रास्ते हसीन हो गए।
635 Thursday 2 Aug 2018

Kyun Intezaar Ki ghadiyan thi itni lambi.
 Kyun guftugu ke pal itne chote Ho Gaye.
Kyon taqrar ki ghadiyan thi itni lambi.
Kyun Pyar Ke Pal chote Ho Gaye.

Falsafa Zindagi Ka Kyun Hai Itna Ulzha.
 Ki Suljhane Mein Hi udaseen ho gae.

Khushiyan chahi Thi Main Zindagi Se apni.
 Par log Raah Mein Aise Mile,ki gamgeen ho gae.

Uth, de Awaz Haseen palon ko,
Ki Zindagi Mein bahar aa jaye.
 Keh Sakein Hum Bhi Zindagi Se apni,
Ki  Saath Tere Chal Ke, Raste Haseen Ho Gaye.

Wednesday, 1 August 2018

Z 634 डूबा तेरे प्यार में, (Dooba Tere Pyar Mein,)

9788189331894 53095 BookZindgi1

जब डूबा तेरे प्यार में,
तो फिर मैं ना उभर सका।
तेरी गलियां जो पकड़ी मैंने,
फिर और कहीं से ना गुजर सका।

भिगोया तेरे प्यार ने इस कदर,
यूँ भीगा, कि फिर ना सूख सका।
रफ्तार जो पकड़ी जिंदगी ने,
तो फिर मैं ना रुक सका।

जिंदगी अपने प्यार में ले डूबी इस कदर,
की फिर रही ना मुझे, अपनी खबर।
तेजी से बढ़ते रहें मेरे कदम,कि फिर,
मैं गिरने वालों को भी,उठाने को  ना रुक सका।

छोड़ना चाहता हूं प्यार तेरा,
 पर छोड़ पाता नहीं।
भाग रहा हूं तेरे प्यार में ,
खुद को रोक पाता नहीं।


ये जिंदगी की दौड़ जाकर,
कहां रुकेगी,पता नहीं।
तब तक , खत्म ही ना हो जाए ,
जिंदगी का खाता कहीं।
634 1Aug 2018 Wednesday

Jab Dooba Tere Pyar Mein,
Toh Phir main naa Ubhar saka.

Teri Galiyan Jo Pakdi maine,
phir aur kahin se na Guzar saka.

Pyar Ne Bhigoya Is Kadar ,
yun bheega Ki Phir Na Sookh saka.

 Raftaar Jo Pakdi Zindagi Ne,
 Toh Phir Main Na Rook saka.

Zindagi Apne Pyar Mein, Le Doobi Is Kadar,
 Ki Phir Rahi Na Mujhe Apni khabar.

Teji Se Badte rahe mere Kadam, Ki Phir,
 Mein Girne Walon Ko Bhi Uthane Ko Na Rook saka.

Chodna Chahta Hoon Pyar Tera, par Chhod pata nahi.
 Bhaag Raha Hoon Tere Pyar Mein, Khud Ko rok pata nahi.

Yeh Zindagi Ki Daud Jakkar kahan Ruke gi pata nahi.
Tab tak khatam Hi Na Ho Jaaye, Zindagi Ka Khata Kahin.