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Saturday, 21 September 2019

QS1046 ना जल सखी री( Na Jal Sakhi Ri)

क्यों जलती हो सखी तुम।
मेरे पी के प्यार से।
तुम्हारे दिन भी आ जाएंगे।
बीत जाएंगे दिन इंतजार के।

समां मेरा बीत रहा है,
आज प्यार मैं।
हर पल लगता है ऐसे,
जैसे हो  बहार में।

झूमता रहता है मन मेरा।
बैठ पी की बाहों में।
खो जाती हूं फिर मैं,
उनकी तकती निगाहों में।

तू ना जल सखी री मुझसे।
 तेरे दिन भी आएंगे।
याद मुझे कर लेना तुम।
जब वह साथ तुझे ले जाएंगे
4.48pm 21 sept 2019 Saturday

Kyon Jalti ho sakhee Tum.
Mere Pee Ke Pyar Se.
Tumhare din bhi Aa jaenge.
 Beet Jaenge Din Intezar ke.

Samay Mera beet raha hai,
Aaj Pyar Mein.
Har Pal Lagta Hai Aise,
Jaise ho bahaar mein.

Jhoomta rehta hai Mann Mera.
Baith Pee ki bahon mein.
Kho jaati hun Fir main,
Unki Taktti Nigahon Mein.

Tu Na Jal Sakhi Ri Mujhse,
Tere Din Bhi aaenge.
Yad Mujhe kar lena Tum.
Jab Veh Sath Tujhe Le Jaenge

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