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Friday, 3 May 2019

905 यह भी क्या बात हुई (Yeh Bhi kya baat hui.)

यह भी क्या बात हुई।

पहले अपना बनाया।अपनी आंखों में बसाया ।
अपने दिल में बिठाया।और फिर, बेगाना कर दिया।
यह भी क्या बात हुई।

तारीफ इतनी की तुमने,कि फ़लक पर हमें पहुंचाया।
फिर क्या ऐसा हो गया कि,खाक में हमें मिलाया।
 यह भी क्या बात हुई।

अपना बनाया ही था तो,अपना बना कर रखते।
क्यों गैरों की बातों में आकर,हमें नजरों से अपनी गिराया।
ये भी क्या बात हुई।

अगर भरोसा कर लिया था।तो, थोड़ा दम भी रखते।
बात हमारी भी सुनते।शायद होते ना यूँ पराया।
यह भी क्या बात हुई।

 सोच लो एक बार फिर।हमने दिया मौका तुमको।
 फिर ना कहना .......
हमने जो किया वो किया।तुमने भी कहाँ हमें बुलाया।
यह भी क्या बात हुई।
 12.57pm 3 May 2019 Friday

Pahle Apna Banaya.
 Apni Aankhon par bithaya.
Apne dil mein basaya.
 Aur Fir Begana Kar Diya.
Yeh Bhi kya baat hui.

Tarif Itni ki tumne ,
Ki Falak par Hamein Pahunchaya.
Phir Kya Aisa Ho Gaya ki,
Khaak Mein Hamein Mila Diya.
Yeh Bhi kya baat hui.

Apna Banaya na Hi Tha to,
Apna Banakar rakhte.
Kyon gairon Ki Baaton Mein Aakar,
Hamein Nazron Se apni Gira Diya.
Yeh Bhi kya baat hui.

Agar Bharosa kar liya tha,
To Thoda Dam bhi rakhte.
Baat Hamari bhi sunte,
Shayad Hote na Yun paraya.
Yeh bhi kya baat hui.

Soch Lo Ek Baar Fir.
Humne Diya moka Tumko.
 Phir Na Kehna,
Humne Jo Kiya wo Kiya.
Tumne Bhi Hamein kahan Bulaya.
Yaha Bhi Kya Baat Hui.

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