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Monday, 21 October 2019

1075 अपने ही तो दर्द देते हैं (Apne Hi To Dard Dete Hain)

अपने ही तो दर्द देते हैं, गैरों की औकात कहाँ।
अपनों से ही हम आस लगाते हैं, गैरों की परवाह कहाँ।।

प्यार जो अपनों से करते हैं ,इसका ही वह दम भरते हैं।
जरूरत आन पडे़ जब उनकी,वह अपनी राह बदलते हैं।।

अपना-अपना करते-करते ,गैर वह कब हो जाते हैं।
आस उन्हीं से करते हैं, तभी तो दर्द पाते हैं।।

क्या यह अपना पराया बना रखा है हमने दुनिया में।
जब काम पड़े तो, ना अपने ना गैर ही काम आते हैं।।

खुद को तू उस ऊपर वाले में ही रमा ले ऐ इंसान।
क्योंकि हर पल,हर मुश्किल में,वह ही साथ निभाते हैं।
12.58pm 21Oct 2019


Apne Hi To Dard Dete Hain, gairon Ki aukat Kahan.
 Apnon Se Hi Ham Aas Lagate Hain ,gairon Ki Parwah Kahan.

Pyar Jo Apno Se Karte Hain, Iska Hi Veh Damm Bharte Hain.
Zaroorat Pade Jab Unki Kabhi, Veh  Apni Rah Badalte Hain.

Apna Apna Karte Karte,  Gair Veh kab ho Jaate Hain.
Aas Unhi Se Karte Hain ,tabhi To Dard Vo paate Hain.

Kya Yeh Apna Paraya banaa Rakha Hai  Duniya Mein.
Jab kam Pade to Duniya Me, Na Apne Na Gair Hi kam Me Aate Hain.

Khud Ko to Us upar wale Mein Hi Rema Le e' Insan.
Kyunki Har Pal Har Mushkil Mein, Vohi Sath nibhate Hain.

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